अनुष्का शर्मा ने फारुख इंजीनियर के दावे को बताया गलत, कहा- सलेक्टर्स के चाय पिलाने वाली बात झूठ
कानपुर। भारत के पूर्व विकेटकीपर फारुख इंजीनियर ने अनुष्का शर्मा का नाम लेकर नई बहस छेड़ दी है। दरअसल फारुख का दावा था कि वर्ल्डकप के दौरान भारतीय सलेक्टर्स अनुष्का शर्मा के लिए चाय लेकर आते थे। इसके बाद तो अनुष्का ने सोशल मीडिया पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। आइए पढ़ें अनुष्का का पूरा लेटर, जानिए क्या कहा...
11 साल से चुप थी
अनुष्का ने पोस्ट में लिखा, 'मेरा हमेशा मानना रहा है कि झूठ और फालतू की खबरों पर चुप्पी साध लेनी चाहिए। पिछले 11 साल के करियर में मैं ऐसा ही करती आई हूं। लोगों को लगता है कि झूठ को बार-बार बोला जाए तो वह सच साबित हो जाएगा। मुझे डर है कहीं यह मेरे साथ न हो। मेरी चुप्पी का हर बार गलत मतलब निकाला गया मगर अब बहुत हुआ। मैं हमेशा चुप रही, मुझ पर इल्जाम लगे कि मेरी वजह से तब के मेरे ब्वाॅयफ्रेंड विराट की परफाॅर्मेंस गिर रही है। अब जब वह मेरे पति हैं तब भी यही इल्जाम लगते हैं। भारतीय क्रिकेट से जुड़ी तमाम अफवाहें मेरे नाम के साथ जोड़ी गईं, तब भी मैं चुप रही। मैं टीम सलेक्शन को प्रभावित करती हूं, इस पर भी मैं शांत रही। मेरा नाम गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया और कहा गया कि मुझे खास तरह से ट्रीट किया जाता और मैं कैसे विदेशी टूर पर अपने पति के साथ ज्यादा समय रहती हूं, जो कि अगर किसी ने बोर्ड से सच जानने की कोशिश की है तो पता चले कि मैंने हमेशा प्रोटोकॉल को फॉलो किया है, लेकिन फिर भी, मैं चुप रही।
सलेक्टर्स के चाय पिलाने के दावे को बताया झूठा
अनुष्का ने आगे लिखा, 'मेरे नाम से न जाने कितने फर्जी खबरें फैलाई गईं। यहां तक कहा जाने लगा कि मेरी टिकट और यात्रा का खर्च बोर्ड उठाता है, जबकि हकीकत यह है कि मैच से लेकर फ्लाइट की टिकट मैं खुद अपने पैसों से खरीदती हूं। इसके बावजूद मैं चुप रही। मुझसे पूछा गया कि मैं हाई कमीशन में टीम इंडिया की ग्रुप फोटो में क्यों थी, जबकि मुझे इनवाइट किया गया था इसलिए मैं वहां पहुंची थी। बोर्ड ने इसको लेकर क्लियर भी किया था, फिर भी मैं शांत रही। मगर अब जो नई खबर आई है कि वर्ल्डकप के दौरान भारतीय सलेक्टर्स मेरे लिए चाय लेकर आए थे, यह पूरी तरह से बकवास है। मैं फैमिली बाॅक्स में बैठी थी न कि सलेक्टर्स बाॅक्स मेंं। अगर आपको सलेक्शन कमेटी पर सवाल खड़े करने हैं तो आप करिए मगर मेरा नाम बीच में मत घसीटो। किसी को भी ऐसी चीजों में मेरा नाम इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं है।
अनुष्का ने इसलिए तोड़ी चुप्पी
ये कोई आखिरी खबर नहीं है जिससे मैं परेशान हुई हूं और मैंने अपने चुप्पी तोड़ने का फैसला किया। सभी खबरें भद्दी और बेकार हैं। इसलिए मेरे इस लेटर को आज की खबर का जवाब न समझा जाए। आज मैंने अपनी चुप्पी इसलिए तोड़ी ताकि किसी के चुप रहने को उसकी कमजोरी न समझा जाए। मैं किसी भी एजेंडा का मोहरा नहीं बनना चाहती। अगली बार अगर किसी को मेरा नाम इस्तेमाल करना है या बोर्ड या मेरे पति को बदनाम करना है तो आप कर सकते हैं, लेकिन इसे पूरे तथ्यों और सबूतों के आधार पर करें।
और आपको बता दूं, मैं काॅफी पीती हूं।'
क्या कहा था फारुख इंजीनियर ने
पूर्व भारतीय क्रिकेटर फारुख इंजीनियर ने भारतीय चयनकर्ताओं को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि, भारतीय टीम को ऐसे चयनकर्ताओं की जरूरत है जिन्हें क्रिकेट की समझ हो। मगर मौजूदा समय में ऐसा कोई भी नहीं है। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में फारुख ने कहा, 'हमारे पास इस समय मिकी माउस जैसी सलेक्शन कमेटी है। टीम इंडिया के पास विराट कोहली जैसा कप्तान है जो काफी अच्छा है। मगर सलेक्टर्स कितने क्वाॅलीफाॅयड हैं, यह एक बड़ा सवाल है। पूरी सलेक्शन कमेटी में शामिल सदस्यों ने मिलकर मुश्किल से 10-12 टेस्ट खेले होंगे। वर्ल्डकप के दौरान तो मैं इन सलेक्टर्स को जानता तक नहीं था। तब मैंने कुछ लोगों को टीम इंडिया का ब्लेजर पहने देखा तो मुझे बताया गया कि ये सलेक्टर्स हैं। मुझे याद है कि ये सलेक्टर्स वर्ल्डकप के दौरान अनुष्का शर्मा के लिए चाय लेकर आते थे।'