वह बार में बिंदास होकर ड्रिंक सर्व करती हैं और बीच-बीच में माहौल को सेंसेशनल बनाने के लिए फ्लेयर का टैलेंट भी दिखाती हैं. अमी श्रॉफ जिसे लोग इंडिया की मोस्ट पॉपुलर वुमन फ्लेयर बारटेंडर के तौर पर जानते हैं उनके लिए यह सब आसान नहीं होता अगर वह दिल की आवाज को अनसुना कर देतीं...


वुमन बारटेंडर बनने का आइडिया कब और कहां से आया?मैं तब 8वीं में पढ़ती थी जब टॉम क्रूज को एक फिल्म में जॉगलिंग करते देखा. मैंने भी ट्राई किया और कुछ ही मिनट बाद मैं उसके तीन मूव्स सीख चुकी थी. मैं जब भी फ्री होती तो कभी पानी की बोतल तो कभी बॉल लेकर प्रैक्टिस करती. तब मेरे लिए यह एक ट्रिक और फन से ज्यादा कुछ भी नहीं था. फिर कॉलेज टाइम में एक इवेंट के दौरान मेरी मुलाकात बारटेंडर अंकित और शॉन से हुई और बस यह सफर चल निकला.आपके पापा वकील और मां प्रोफेसर हैं. ऐसे में आपने बारटेंडिंग में करियर बनाने की बात की तो उनका रिएक्शन क्या था?
मेरे बताने से पहले ही वे जान गए. गोआ से आने के बाद मैं मुंबई में ही किसी भी वन डे इवेंट में बतौर बारटेंडर काम करने लगी. ऐसे ही एक इवेंट में डैड के किसी फ्रेंड ने मुझे फ्लेयर करते देख लिया और उन्हें बता दिया. लेकिन अच्छी बात यह रही कि उन्होंने पॉजिटिव फीडबैक दिया था.


जब मैं घर आई तो डैड ने खुश होकर मेरा ही सीक्रेट मुझसे शेयर किया. ऐसा लगा जैसे एक बड़ी मुसीबत अचानक टल गई हो. मेरा रास्ता आसान लगने लगा. कुछ ही महीने बाद मैंने मुंबई का फेमस नाइटक्लब एनिग्मा ज्वॉइन कर लिया. यहां मुझे और ज्यादा एक्सपोजर मिला. क्राउड और सिचुएशन हैंडलिंग की बारीकियां मैंने यहीं से सीखीं.Read more: For Archana Sardana sky is not the limitआप पेरेंट्स से बिना बताए एक ऐसी फील्ड में काम कर रही थीं जिसे अनसेफ माना जाता है. क्या कभी डर नहीं लगा?मुझे लगता है कि डर जैसी कोई भी चीज नहीं होती है. हम इनसिक्योरिटी को ही डर का नाम देते हैं. अगर आप कॉन्फिडेंट हैं, मेंटली स्ट्रॉन्ग हैं और दिल की सुन रहीं हैं तो किसी भी चीज से नहीं डरेंगी.इस मेल फील्ड में एंट्री लेना काफी टफ लगा या कभी पछतावा हुआ?कभी नहीं. मेल डॉमिनेटेड फील्ड में एंट्री करना बहुत ईजी है क्योंकि यहां आपकी डिमांड होती है. हालांकि मैं इस फील्ड में इस मकसद के साथ नहीं आई.वह पहला दिन जब आपने इसे प्रोफेशनली शुरू किया?

दिसंबर 2003 में मैं और मेरे कुछ दोस्त गोआ गए थे. वहां एक ‘लव’ लाउंज की प्रमोशनल पार्टी थी, जहां मैंने पहली बार फ्लेयर बारटेंडिंग की. हालांकि तब मेरे पास कोई एक्सपीरियंस नहीं था लेकिन यहां पहली बार क्राउड के आगे प्रैक्टिकल करने का मौका मिला. अपनी बॉडी लैंग्वेज, प्रेजेंटेशन, मिक्सिंग नॉलेज को और गियर अप करने की इंस्पिरेशन यहीं से मिली.Read more: VJ Bani-Girl with 20 tattoosकई बार ऑक्वर्ड सिचुएशन भी फेस करनी पड़ती होगी. कैसे डील करती हैं?हां, बहुत बार ऐसी सिचुएशन आती है जब कोई ज्यादा एटीट्यूड फेंकता है, बड़बड़ाता है या घूर रहा होता है. तो आपको अपनी बॉडी लैंग्वेज में थोड़ी सख्ती लानी पड़ती है और उस पर्टिकुलर पर्सन को इग्नोर करना पड़ता है. वैसे मैंने पहले ही कहा है कि मेंटली स्ट्रॉन्ग होना बहुत जरूरी है, और फिर आपके पास सिक्योरिटी ‘बाउंसर्स’ होते हैं इसलिए ये कोई बड़ी प्रॉब्लम नहीं है. रीसेंटली एक इवेंट के लिए मैं डिब्रूगढ़ गई थी. यह किसी बड़े पोलिटीशियन की पार्टी थी. चारों तरफ लोग गन लिए घूम रहे थे. मुझे वहां कंफर्ट या सेफ फील नहीं हुआ ऐसे में मैंने एक सिक्योरिटी पर्सन को अपने पास खड़ा कर लिया और पार्टी ओवर होते ही सीधे अपने होटल आ गई.क्या शादी के बाद भी इसे कॉन्टिन्यू रखेंगी? लेकिन हसबैंड या फैमिली मेंबर्स का सपोर्ट न मिला तो?
जरा देर रुककर... फिलहाल तो शादी के बारे में नहीं सोच रही हूं. हो सकता है शादी के बाद मैं खुद ही इसे छोड़ दूं, किसी और चीज में इंटरेस्ट लेने लग जाऊं लेकिन अगर वे प्रेशर बनाएंगे तो शायद न छोड़ पाऊं. मुझे रिस्ट्रिक्शंस पसंद नहीं. मैं थोड़ी उल्टी-पुल्टी लडक़ी हूं.Read more: Gul Panag-Put your life in the fourth gear!अगर पहली बार किसी को अपना इंट्रोडक्शन देती हैं तो सामने वाले का एक्सप्रेशन कैसा होता है?बहुत कम बार वॉव सुनने को मिलता है... या लोग मुझसे इसके बारे में और जानना चाहते हैं. ऑलमोस्ट लोग ‘बार’ का नाम सुनकर ही चुप हो जाते हैं. असल में लोगों को ‘बार’ वर्ड से ही ऑब्जेक्शन है. वे इसे बारगर्ल से जोडक़र देखते हैं. उन्हें ये नहीं पता कि बारटेंडर एक शेफ की तरह ही होता है हां, वहां डिश न होकर ड्रिंक परोसी जाती है.'मुझे लगता है कि कई बार हम लड़कियां ही अपने रास्ते रोकती हैं. कभी सोसायटी तो कभी रिलेटिव्स के नाम पर. जबकि ये सारी चीजें एक्सक्यूजेस हैं. खुद की सुनेंक्योंकि हर इंसान अच्छी तरह जानता है कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं. इनीशिएटिव लें, खुद को ना रोकें.'-अमी श्रॉफ, बार टेंडरWhy did we choose her?
-क्योंकि इन्हें लड़कियों के लिए यूज होने वाले रिस्ट्रिक्शंस और ऑब्जेक्शन जैसे वड्र्स पसंद नहीं हैं.-क्योंकि बतौर बारटेंडर बनकर उन्होंने साबित कर दिया कि लड़कियां मेन डॉमिनेटेड किसी भी फील्ड में सक्सेसफुल हो सकती हैं.-क्योंकि उनकी पॉपुलैरिटी डेयरिंग वुमन के तौर पर है.Who is Ami Shroff?अमी श्रॉफ इंडिया की पहली वुमन फ्लेयर बारटेंडर्स में से एक हैं. उनकी पहचान बार कंसल्टेंट और मिक्सोलॉजिस्ट के तौर पर भी  है. अमी फ्लेयर बारटेंडिंग कॉम्पिटीशंस में कई अवॉर्ड भी जीत चुकी हैं. फ्लेयर बारटेंडिंग उनके लिए प्रोफेशन से ज्यादा पैशन है.

 

Posted By: Satyendra Kumar Singh