अमेरिका हमेशा से ही दूसरे देशों को परमाणु कार्यक्रमों के खिलाफ रहा है. इस बार अमेरिका के प्रतिबंधओं का शिकार बना है ईरान. अमेरिका ने इरान के कंट्रोवर्शियल न्यूक्लियर प्रोग्राम के लिए कथित तौर पर सहायता मुहैया करनेवाली कई कंपनियों और लोगों के खिलाफ शुक्रवार को नये प्रतिबंध लगाये.

अमेरिका शांति चाहता है:यूएन
यूनएससी(यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल) के स्पोक्सपर्सन सैटलीन हेडेन ने कहा कि अमेरिका एक लांग टर्म और व्यापक हल चाहता है. इसेक साथ ही अमेरिका  अपने ‘पी 5 प्लस 1’ (यूएनएससी के फाइव  परमानेंट मेंबर् कंट्रीज और जर्मनी) के साथ काम को लेकर प्रतिबद्ध है. जो यह भरोसा दिलाता हो कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण मकसद को लेकर है. इसलिए यूएस को इस तरह के प्रतिबंध लगाने पड़े हैं.

चार कंपनियों पर लगा प्रतिबंध

ताजा कार्रवाई और बातचीत के शुरुआत से ही यह संयुक्त कार्रवाई योजना के तहत हमारी प्रतिबद्धताओं के मुताबिक की जा रही है. जो ईरानी कदमों के बदले में कुछ खास प्रतिबंधों में सीमित राहत मुहैया करता है. विदेश विभाग ने चार कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है. इसी तरह वित्त विभाग ने कम से कम 25 लोगों और कंपनियों को काली सूची में डाला है.

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Posted By: Shweta Mishra