Ambedkar Jayanti 2020: राष्ट्रपति ने की तारीफ औऱ कहा घर पर ही मनाये दिन, लेफ्ट लेगा सामाजिक एकता के बंधन को मजबूत करने का संकल्प
नई दिल्ली (एएनआई/पीटीआई)। Ambedkar Jayanti 2020: लेफ्ट पार्टीज ने 14 अप्रैल को शाम 5 बजे अंबेडकर जयंती पर लोगों से ये प्रतिज्ञा करने के लिए कहा कि वे बिना भेदभाव के सामाजिक बंधनों को मजबूत करने और संविधान की रक्षा करेंगे। 5 लेफ्ट पार्टीज ने एक साझा बयान में कहा कि वे इस अवसर पर सोशल डिस्टेंसिंग नहीं बल्कि सोशल सॉलिडेरिटी और फिजिकल डिस्टेंसिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिज्ञा करेंगे। इसके प्रतिज्ञा के तहत वो लॉकडाउन में तकलीफ उठा रहे गरीब लोगों तक फौरन भोजन और कुछ नकद राशि पहुंचाने का काम शुरू करेंगे।
भेदभाव से दूरीइस बयान में ये भी कहा गया कि सामाजिक एकता के बॉन्ड को मजबूत करने से उनका मतलब है कि वे जाति, धर्म, डिस्एबिलिटी और लिंग के आधार पर किसी में अंतर नहीं करेंगे। जिसका अर्थ ये हुआ कि कोरोनावायरस महामारी से लड़ते हुए वे किसी के जीवन, आजादी, भावना व्यक्त करने के लोकतांत्रिक अधिकार, छुआछूत और किसी भी तरह के डिस्क्रिमिनेशन को बीच में आने देंगे। पार्टीज ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि उनकी प्रतिज्ञा बाबा साहब अंबेडकर की बिना अंतर किए लोगों को समान भाव से शिक्षा, और सम्मान दिलाने की भावना पर आधारित है।
सुरक्षित जगह पर रहेंपार्टीज के बयान में लोगों से लॉकडाउन के चलते समारोह ना हो पाने की स्थिति में जहां कहीं भी वे सुरक्षित स्थान पर रह रहे हों वहीं 14 अप्रैल को शाम 5 बजे शपथ ले कर इस दिश में काम करने के लिए कहा गया है। स्टेटमेंट सीपीआई एम नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई के डी राजा, सीपीआई-एमएल-लिबरेशन के दीपांकर भट्टाचार्य, एआईएफबी के बेवब्रत विश्वास और आरएसपी नेता मनोज भट्टाचार्या की तरफ से जारी किया गया है।
राष्ट्रपति ने की प्रशंसाइस बीच एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने सोमवार को लोगों को देश के संविधान के निर्माता डॉ बी आर अम्बेडकर की शिक्षाओं का अनुकरण करने और एक मजबूत और समृद्ध भारत बनाने में योगदान देने के लिए कहा। अंबेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर नागरिकों को शुभकामनाएं देते हुए, राष्ट्रपति ने लोगों को 'सोशल डिस्टेंसिंग' बनाए रखते हुए और COVID-19 महामारी को देखते हुए अपने घर पर अंबेडकर जयंती मनाने के लिए कहा। राष्ट्रपति ने बाबा साहब की प्रशंसा करते हुए कहा कि एक समाज सुधारक, शिक्षाविद, न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और कानूनी विशेषज्ञ के रूप में, अम्बेडकर ने देश और समाज के हित के लिए लगातार प्रयास किया । अंबेडकर ने एक ऐसे समाज की परिकल्पना की, जहां सामाजिक समरसता और समानता कायम हो। "इस उद्देश्य के लिए, उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज और राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया।" अंबेडकर ने भारत को ऐसे प्रगतिशील और समावेशी संविधान का तोहफा दिया है जो पिछले कई दशकों से देश के लोकतंत्र में साथी नागरिकों के विश्वास को गहरा और मजबूत कर रहा है। राष्ट्रपति ने कहा, अंबेडकर जयंती के अवसर पर, हमें डॉ अंबेडकर के संघर्ष और मूल्यों से प्रेरणा लेनी चाहिए। संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ बीआर अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था और उनकी जयंती को अंबेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है।