Civil Services Day: भारतीय प्रशासनिक सेवा के 10 अधिकारी जिनके काम रहेंगे याद
1- नरेन्द्र कुमारआईपीएस नरेन्द्र कुमार ने अपने करियर की शुरुआत 2009 में बिहार से की थी। इसके बाद उन्हें मध्यप्रदेश के मुरैना जिले का कप्तान बनाया गया था। नरेन्द्र को उनकी तेज तर्रार छवि के लिये जाना जाता है। अवैध खनन रोकने के लिये उन्होंने सी खनन माफिया से टक्कर ली। 2012 में एक खनन माफिया द्वारा ट्रैक्टर से रौंद कर उनकी हत्या करवा दी गई। उस समय उनकी उम्र मात्र 30 वर्ष थी। उनकी पत्नी ग्वालियर जिले में आईएस ऑफीसर हैं।
बुलंदशहर की डीएम बी चंद्रकाला को उनकी तेज तर्रार और साफ सुथरी छवि के लिये जाना जाता है। वो हमेशा भ्रष्ट ऑफीसरों के खिलाफ बोलती नजर आती हैं। हाल ही में हुई एक पोस्टिंग के दौरान जब उन्होंने कोई भी गैरकानूनी काम करने से मना कर दिया तो उनका ट्रांसफर कर दिया गया। जिले का विकास हो या अपने ऑफिस की सफाई का काम वो हर जगह एक्टिव नजर आती हैं। बुलंदशहर में उन्होंने महिला सशक्तीकरण के लिये बहुत काम किये।
आर्मस्ट्रांग पैम जेमे जनजाति के नागा लोगों में से बनने वाले पहले आईएएस ऑफीसर हैं। यूपी के मैनपुरी जिले में उनके काम को लेकर उन्हें आईएएस अवार्ड से भी सम्मानित किया गया। उन्होंने मैनपुरी के रिमोट एरिया में बिना किसी सरकारी सहायता के 100 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण करवाया। जिससे वहां के गांव वालों को बहुत फायदा हुआ। लोग उनके साथ जुडे़ और उनका साथ दिया। उस रोड को पीपल्स रोड के नाम से जाना जाता है। गांव के लोग उन्हें मिरिकल मैन के नाम से बुलाते हैं।
एसआर शंकरन को जनता के आईएएस ऑफीसर के रूप में जाना जाता है। उन्होंने गरीबों के लिये कई तरह की पॉलिसी बनाई। लोग उन्हें गरीबों का मसीहा कह कर बुलाते थे। उन्होंने कभी शादी नहीं की। इतना ही नहीं उन्होंने पांच सौ गरीब बच्चों को पढ़ाया। अपनी तनख्वाह भी वो गरीबों में बांट दिया करते थे। 2010 में वो हम सभी को छोड़ कर चले गये पर उनके द्वारा किये गये कामों के चलते उन्हें हमेशा याद किया जायेगा।
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