ट्रैफिक-पार्किंग प्राब्लम पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सख्त, प्रमुख सचिव को नोटिस
prayagraj@inext.co.in
PRAYAGRAJ: हमें जीने का मूल अधिकार प्राप्त है किंतु जानवरों की तरह नही. गौरवपूर्ण मानवीय जीवन जीने का अधिकार सभी को है. यह टिप्पणी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को शहर की ट्रैफिक-पार्किंग प्राब्लम को सेल्फ नोटिस लेकर कायम जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की. कोर्ट ने प्रमुख सचिव शहरी विकास, प्रमुख सचिव वित्त, जिलाधिकारी व एसएसपी प्रयागराज, मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी, उपाध्यक्ष पीडीए, चीफ टाउन प्लानर व एसपी ट्रैफिक को नोटिस जारी करके 12 जुलाई तक जवाब मांगा है.चौड़ीकरण का उद्देश्य व्यर्थयह आदेश जस्टिस पीकेएस बघेल और जस्टिस आरआर अग्रवाल की खंडपीठ ने दिया है. कोर्ट ने कहा है कि कुंभ के दौरान केंद्र व राज्य सरकार ने सड़क चौड़ीकरण व सौन्दर्यीकरण के लिए भारी धनराशि दी. ध्वस्तीकरण अभियान चला. सड़कों का चौड़ीकरण किया गया. चौड़ी हुई सड़कों पर लोग वाहन खड़े कर रहे है. इससे चौड़ीकरण का उद्देश्य ही व्यर्थ हो रहा है.
पैदल चलना हो रहा मुश्किल
कोर्ट ने कहा कि शहर में 144478 चार पहिया वाहन पंजीकृत है. इसमें से 139649 प्राइवेट औ 4829 व्यवसायिक वाहन शामिल हैं. इनके अलावा दो पहिया व ऑटो रिक्शा भी हैं. सिविल लाइन्स में वाहनों की पार्किंग व्यवस्था न होने के कारण लोग महात्मा गांधी मार्ग व सरदार पटेल मार्ग पर बेतरतीब वाहन खड़े कर रहे हैं. कोई रोड मैप नहीं है. पैदल यात्रियों व बच्चों के लिए बेतरतीब खड़े वाहन खतरा उत्पन्न कर रहे हैं. शहर में व्यवसायिक कॉम्पलेक्स, होटल, नर्सिग होम, बारात घर है, जहां पार्किंग व्यवस्था नही है और पीडीए बिना पार्किंग पर ध्यान दिये नक्शा पास कर रहा है.