फेसबुक के जरिए हम एक दूसरे से बहुत आसानी से जुड़ जाते हैं। रोजाना होने वाली घटनाओं को सोशल मीडिया पर अपडेट करते रहते हैं। लेकिन क्या कभी सोचा है कि यही फ़ेसबुक पोस्ट हमारे लिए मुश्किलें भी पैदा कर सकती है मुश्किल भी कोई छोटी मोटी नहीं बल्कि सीधे जेल की सैर कराने जितनी बड़ी। जानिए ऐसे ही कुछ मामले जिनकी वजह से फेसबुक यूज़र को जाना पड़ा जेल।
फ्रेंड रिक्वेस्ट ने जज को पहुंचाया जेल
छह साल पहले ब्रिटेन की एक जज जोआना फ्रेल ने एक आरोपी को फ़ेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। उनका किसी आरोपी को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना उन्हें भारी पड़ गया और फ्रेल को इस वजह से 8 महीने जेल की सजा सुनाई गई।जैमी स्टीवर्ट नाम के अभियुक्त पर ड्रग्स का मामला चल रहा था। ब्रिटेन में ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी को फ़ेसबुक की वजह से जेल जाना पड़ा।
कमेंट ने करवाया राजद्रोह का मामला दर्जयह मामला थाईलैंड का है। मई 2016 में 40 साल की पटनारी चंकीज पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था।उन्होंने थाईलैंड की राजतंत्रिक सरकार के ख़िलाफ़ लिखने वाली एक्टिविस्ट के साथ फ़ेसबुक के प्राइवेट मैसेज पर सहमति जताने वाले शब्द 'JA' का प्रयोग किया था, इस शब्द का अर्थ होता है 'OK' या 'YES'।
इसी साल जनवरी महीने में थाई सरकार के ख़िलाफ़ फ़ेसबुक पर कुछ अपमानजनक कमेंट करने पर एक और व्यक्ति को 11 साल की सजा सुनाई गई थी।
वर्ल्ड फेमस यूनीवर्सिटी Written Exam बंद करने वाली है, वजह है स्टूडेंट्स की भयानक हैंडराइटिंग बाल ठाकरे पर पोस्ट की वजह से लड़कियां गिरफ़्तार
साल 2012 में शिवसेना नेता बाल ठाकरे की मृत्यु के बाद 'मुंबई बंद' पर फ़ेसबुक पर सवाल उठाने वाली पालघर इलाके की दो लड़कियों को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था।
लेकिन मीडिया में हल्ला मचने के बाद मामले में जांच के आदेश दिए गए और शाहीन ढाडा और रिनु श्रीनिवासन को ज़मानत पर छोड़ दिया गया था।
कमाल है! अब कैश काउंटर पर स्माइल करें और हो जाएगा ऑटोमेटिक पेमेंट फेसबुक पोस्ट करने से पहले यह सावधानियां हैं जरूरीअगर आपके किसी दोस्त पर कोर्ट में कोई मामला चल रहा है तो फ़ेसबुक के जरिए उससे उस मामले की जानकारी बिलकुल ना मांगे।किसी मामले से जुड़े न्यायधीशों से भी संपर्क करने की कोशिश या उस मामले से जुड़ी जानकारी न मांगे।फ़ेसबुक पर किसी भी व्यक्ति को आरोपी साबित करने जैसी बातें न लिखें, क्योंकि जब तक आरोप साबित नहीं हो जाता तब तक सभी बेगुनाह होते हैं।किसी के पक्ष या विपक्ष में बेवजह की बातें ना लिखेंInteresting News
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Posted By: Chandramohan Mishra