'फेनी' तूफान से निपटने की तैयारी पूरी, ओडिशा में 8 लाख लोग भेजे जा रहे सुरक्षित स्थान पर
नई दिल्ली (पीटीआई)। बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान 'फेनी' को लेकर भारतीय माैसम विभाग के वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी की है। इस तूफान को लेकर सबसे ज्यादा खतरा ओडिशा और आंध्रप्रदेश बना है। 'फेनी' के 3 मई को ओडिशा में टकराने की आशंका है। इस दाैरान 180 किलोमीटर घंटे की रफ्तार से हवा चलेंगी और भूस्खलन की आशंका है। ऐसे में यहां आज से स्कूल आदि बंद हो गए हैं। वहीं न्यूज एजेंसी एएनआई के ट्वीट के मुताबिक राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें आंध्रप्रदेश के इचाकपुरम व श्रीकाकुलम पहुंच चुकी हैं।
आईएमडी ने चेतावनी जारी की है कि तूफान तट से टकराते वक्त गंजम, खुर्दा, पुरी और जगतसिंहपुर के निचले इलाकों में 1.5 मीटर की ऊंचाई तक उठ सकता है। इस दाैरान भूस्खलन व तटीय इलाकों में पानी भरने की आशंका है। ओडिशा के गंजम, गजपति, खुर्दा, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, जाजपुर और बालासोर जैसे तटीय जिलों में फेनी का असर पड़ेगा। वहीं पश्चिम बंगाल के पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता जिलों में भी इसका काफी असर होगा। इसके अलावा आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम्, विजयनगरम् और विशाखापत्तनम जिले प्रभावित होने की संभावना है।
ओडिशा के चीफ मिनिस्टर ने बताया कि तटीय और निचले इलाकों में रहने वाले करीब 8 लाख लोगों को गुरुवार शाम तक सुरक्षित स्थान में पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। प्रशासन को निर्देश दिया है कि संवेदनशील क्षेत्रों से 100 प्रतिशत लोगों की निकासी सुनिश्चित की जाए। फेनी की वजह से मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है। वहीं रेलवे ने 81 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक बल और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 78 टीमों को तैनाती के लिए बुलाया गया है। एनडीआरएफ ने आंध्र प्रदेश में 12, ओडिशा में 28 और पश्चिम बंगाल में छह टीमों को तैनात किया है। इसके साथ ही 32 टीमें नावों, पेड़ काटने वाले यंत्रों और दूरसंचार उपकरणों के साथ किसी भी स्थिति से निपटने के लिए स्टेंडबाय है।