आजादी के बाद पहला हवाई हमला कर पाकिस्तान के हौसले तोड़ने वाले जांबाज फाइटर पाइलट बोले
विफल हो गई थी पाकिस्तान के बड़े हमले की योजनाबॉर्डर के पार थोड़ा आगे जाकर देखा तो मुझे एक जगह धुंआ उठता हुआ दिखा। मैंने जहाज से ही नीचे की स्थिती को भांपा और बम गिरा दिया। यहां हजार के करीब कबायली और पाकिस्तानी सैनिक खाना बना रहे थे। बम उन्हीं पर गिरा, जिससे पाकिस्तान का एक बड़ा हमला विफल हो गया। यह पहला हवाई हमला था जो आजादी के बाद हुआ। यह हैं एयर मार्शल रणधीर सिंह। जिन्हें आजादी के बाद पहला हवाई हमला करने का श्रेय प्राप्त है। वीर चक्र से नवाजे गए रणधीर सिंह ने उस हमले की दास्तान को बखूबी बयान किया। यहां लेक क्लब में आयोजित पहले मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल में यह रणधीर सिंह सहित अन्य पूर्व सैन्य अधिकारियों ने शौर्य के किस्से साझा किए।
भारत-पाक युद्ध में अमरीकी पैटन टैंकों की कब्रगाह बना खेमकरन भी चुनेगा अपना विधायकडोकलाम की रणनीति क्रिस्टल क्लीयर थी : ले. जनरल बख्शी
ले. जनरल प्रवीण बख्शी ने कहा कि डोकलाम पर चीन की दस्तक के साथ ही रणनीति तैयार कर ली गई थी। सेना को तैयार रहने के लिए कह दिया गया। पहली बार सभी तरह की डायरेक्शंस सिर्फ एक ही चैनल यानी रक्षा मंत्रालय से जारी हुई। किसी तरह की असमंजस की स्थिति से बचने के लिए ऐसा किया गया। पहली बार भारत ने बातचीत करने की बजाए स्ट्रांग स्टैंड लिया। इसी बदौलत भारतीय सेना डोकलाम में 73 दिन तक चीन के सैनिकों के सामने डटी रही। राजनयिक जी. पार्थासारथी ने कहा कि राजनीति से जुड़े लोग अकसर भड़काऊ शब्दों का इस्तेमाल कर स्थिति को बिगाड़ देते हैं। ऐसी ही गलती पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भारत-चीन युद्ध से पहले की थी। चीन की सेना बॉर्डर पर थी। उस समय नेहरू ने कहा था कि मैंने अपनी सेना को कह दिया है कि चीन के सैनिकों को धक्के मार कर बाहर कर दो। नेहरू की यही बात युद्ध का बड़ा कारण बनी। इस बार डोकलाम विवाद में गलती नहीं दोहराई। अच्छा नियंत्रण रहा।