किसे मिलेगी राम रहीम के बाद डेरे की कमान, 3 दावेदार
काफी बड़ा है डेरे का साम्राज्य
डेरा सच्चा सौदा की स्थापना 1948 में शाह मस्ताना महाराज ने की थी। शाह मस्ताना महाराज के बाद डेरा की गद्दी शाह सतनाम महाराज ने संभाली। उन्होंने साल 1990 में अपने अनुयायी संत गुरमीत सिंह को गद्दी सौंप दी। इसके बाद संत गुरमीत राम का नाम संत गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा कर दिया गया। सिरसा में डेरा की करीब 700 एकड़ जमीन है। इसके अलावा तीन अस्पताल, एक इंटरनेशनल आई बैंक, गैस स्टेशन और मार्केट कॉम्प्लेक्स के अलावा दुनिया में करीब 250 आश्रम हैं। अब जब राम रहीम सलाखों के पीछे पहुंच जाएंगे तो डेरा प्रमुख की कुर्सी पर कौन बैठेगा। वैसे राम रहीम के परिवार पर नजर डालें तो उनके एक बेटे जसमीत सिंह, दो बेटियां चरणप्रीत और अमनप्रीत हैं। एक गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत भी है।
तीसरा दावेदार बेटी हनीप्रीत :
अगर विपसना को डेरा की कमान नहीं सौंपी जाती, तो एक और दावेदार है इस लिस्ट में। वो हैं राम रहीम की गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत। 25 अगस्त को पंचकूला में राम रहीम के साथ साये की तरह साथ रहीं हनीप्रीत अपने पिता की काफी लडली हैं। हनीप्रीत भी विपसना की तरह ही गुरु ब्रह्मचारी हैं। वो पिछले सात सालों से डेरा प्रमुख के साथ हैं और उनकी खास मानी जाती हैं। हनीप्रीत गुरमीत राम रहीम की सभी फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं। अगर डेरा प्रमुख अपनी सहमति देते हैं तो हनीप्रीत भी सत्ता संभाल सकती हैं। हनीप्रीत इंसा गुरमीत राम रहीम की गोद ली हुई बेटी हैं। इस वजह से इनकी नियुक्ति में डेरा प्रमुख के चयन का ऊपर लिखा परिवार वाला नियम भी आड़े नहीं आता है।