भूकंपः कई इलाक़ों तक पहुंचना अभी मुश्किल
इस्लामाबाद में मौजूद बीबीसी संवाददाता आसिफ़ फ़ारूक़ी ने बताया है कि इस भूकंप से सबसे ज़्यादा नुक़सान उत्तरी पाकिस्तान में हुआ है।उत्तरी पाकिस्तान में अब तक 228 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। यहां के ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह प्रांत में ही 184 लोगों की मौत की ख़बर है जबकि 1800 से ज़्यादा लोग घायल हैं।
बीबीसी पश्तो सेवा के सईद अनवर ने बताया, "भूकंप के समय मैं दफ़्तर में ही मौजूद था। जब मैं बाहर की तरफ़ भागा तो देखा कि सारे लोग सड़कों पर आ गए हैं। ऐसा लग रहा था कि सारी इमारतें गिर जाएंगी। कई इमारतों में दरार आ गई है और लोग अपने घरों में जाने से डर रहे हैं।"
उनके मुताबिक़ अफ़ग़ानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह ने तुरंत ही एक आपातकालीन बैठक बुलाई और मारे गए और घायलों के लिए तुरंत ही राहत कार्य शुरू करने का आदेश दिया। इसके अलावा सभी प्रभावित इलाक़ों के गवर्नर को अलर्ट कर दिया गया है।भूकंप का केन्द्र अफ़ग़ानिस्तान के फ़ैज़ाबाद इलाक़े में हिन्दूकुश की पहाड़ियों में था।अफ़ग़ानिस्तान के अलावा पाकिस्तान के उत्तरी पहाड़ी इलाक़ों चितराल, मालाकंड और फ़ाटा में इस भूकंप का सबसे ज़्यादा असर देखा जा रहा है। यह काफ़ी दुर्गम पहाड़ी इलाक़ा है और यहां पहुंचना बहुत मुश्किल है। कई इलाक़ों में सड़कें टूट चुकी हैं इसलिए वास्तविक नुक़सान का अंदाज़ा लगा पाना अभी मुश्किल है।दूसरी तरफ़ यहां तालिबान के क़ब्ज़े वाले इलाक़ों में राहत कार्य शुरू करने में भी काफ़ी परेशानी हो रही है।
यहां 2005 में पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में भूकंप से 75000 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी। जबकि इसी साल अप्रैल में आए एक भूकंप में नेपाल में 9000 लोगों की मौत हुई थी और करोड़ों की संपत्ति का नुक़सान हुआ था।