एयरो इंडिया 2015 : मोदी ने किया उद्घाटन, 64 कंपनियों के साथ अमेरिका बना सबसे बड़ा भागीदार
कारोबार की अपार संभावनायें
कार्यक्रम में बोलते हुए मोदी ने कहा कि भारत में कारोबार की अपार संभावनाएं हैं. हमने एक्सपोर्ट नीति को सरल बनाने के साथ रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ाया है. रक्षा उत्पादन क्षेत्र में नौकरियों की अपाल संभावनाएं हैं. पीएम मोदी ने कहा कि एयरो इंडिया हमारे सपनों की उड़ान है. हमें अपने रक्षा सुधारों को बेहतर बनाना होगा. हमें प्रौद्योगिकी और प्रणालियों को एकीकृत करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में रिसर्च और विकास के लिए सरकार हमेशा समर्थन देगी. उन्होंने कहा कि भारत में कारोबार की अपार संभावनाएं हैं. हमने रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश बढ़ाया है. हमने रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ाकर 24 फीसदी किया है. हम एक ऐसी योजना शुरू कर रहे हैं जो भारत में एक प्रोटोटाइप के विकास के लिए सरकार 80 फीसद धन उपलब्ध कराएगी.
600 कंपनियां ले रहीं हिस्सा
पीएम ने कहा कि यह रक्षा उद्योग के एक नए युग की शुरुआत है. एयरो इंडिया अपने लक्ष्यों को साकार करने में एक उत्प्रेरक साबित हो सकता है. मैं इस बात के लिए आश्वस्त हूं कि भारत रक्षा उद्योग के लिए एक प्रमुख वैश्विक केंद्र के रूप में उभरेगा. मेक इन इंडिया थीम पर होने वाले इस शो में औद्योगिक आगंतुकों की संख्या करीब 1.5 लाख होगी, जो पिछले संस्करण से 50 प्रतिशत ज्यादा है. 22 फरवरी तक चलने वाले इस शो में दुनियाभर की 600 फर्म (300 देशी व 300 विदेशी) हिस्सा ले रही हैं.
अमेरिका सबसे बड़ा भागीदार
शो में अमेरिका की करीब 64 कंपनियां हिस्सा ले रही हैं. अमेरिका के बाद फ्रांस की 58 कंपनियां शो में भाग ले रही हैं. देशी कंपनियों की कोशिश विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर आधुनिक हथियार बनाने की है. विदेश की कई कंपनियां सेना के तीनों अंगों को लड़ाकू हेलीकॉप्टर बेचने की फिराक में रहेंगी.
दुनिया का सबसे बड़ा हथियार खरीददार देश
आपको बताते चलें कि, इंडिया दुनिया का सबसे बड़ा हथियार खरीददार देश है. पिछले दशक में इंडिया में करीब 60 अरब अमेरिकी डॉलर के हथियार खरीदे थे. इस दशक में भारत करीब 120 अरब डॉलर के हथियार खरीदेगा. भारतीय सैन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत आने वाले दिनों में लडा़कू विमान, हेलीकॉप्टर, पनडुब्बी सहित अन्य आधुनिक हथियार खरीदेगा. इसके साथ ही भारत इस बात भी जोर दे रहा है कि वैश्विक कंपनियों भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर देश में ही हथियारों का निर्माण करें.
किस, देश की कितनी कंपनी
इस शो में अमेरिका की 64 कंपनियां हिस्सा ले रही हैं, जबकि फ्रांस की 58 कंपनियां भी इसमें शामिल हैं. इसके अलावा ब्रिटेन की 48, रूस की 41 और इसराइल की 25 कंपनियां इसमें हिस्सा ले रही हैं. वहीं जर्मनी की 17 कंपनियां भी भागीदार बनी हैं.