इराक़ के दो शहरों पर क़ब्ज़ा कर चुके इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक़ एंड लीवैंट आईएसआईएस के मुखिया अबू बकर अल-बगदादी अपनी पहचान सार्वजनिक करने और अपने रहने की जगह बताने में काफ़ी सतर्क रहे हैं.


उनकी केवल दो सत्यापित तस्वीरें ही मौजूद हैं और अल-क़ायदा के दिवंगत मुखिया ओसामा बिन लादेन और अल-जवाहिरी की तरह वो वीडियो संदेशों में नहीं दिखते.यहां तक कहा जाता है कि उनके लड़ाके भी उनसे आमने-सामने बात नहीं करते.आईएसआईएस मुखिया अपने कमांडरों को संबोधित करते समय भी मास्क पहने रहते हैं और यही वजह है कि उनका उपनाम 'अदृश्य शेख' पड़ गया.बीबीसी के रक्षा संवाददाता फ्रैंक गार्डनर कहते हैं कि बग़दादी के पास ख़ुद को रहस्य बनाए रखने के लिए कई पर्याप्त कारण हैं. बग़दादी उनका असली नाम नहीं है लेकिन दुनिया उन्हें इसी नाम से जानती है.उनके पूर्ववर्तियों में से एक अबू मुसाब अल-ज़रकावी की गोपनीय रिहाइश को आख़िरकार खोज निकाला गया था. ज़रकावी जाने पहचाने नाम थे और अपनी मृत्यु तक इराक़ के सबसे हिंसक जिहादी समूह का संचालन करते रहे थे. वह 2006 में अमरीकी बमबारी में मारे गए.


हमारे संवाददाताओं के मुताबिक़ इराक़ में अल क़ायदा के मौजूदा अवतार आईएसआईएस का मुखिया एक रहस्यमयी शख्सियत हो सकता है, लेकिन उनका संगठन हज़ारों नए रंगरूटों को आकर्षित कर रहा है और मध्यपूर्व के सबसे सशक्त लड़ाकू संगठनों में एक बन गया है.बेहतरीन संगठनअमरीका ने 2011 में ही बगदादी पर ईनाम घोषित कर दिया था.

वाशिंगटन पोस्ट में डेविड इग्नाशियस लिखते हैं, ''ओसामा बिन लादेन के सच्चे वारिस आईएसआईएस नेता अबू बकर अल-बगदादी हो सकते हैं.''हालांकि पाकिस्तान, अरब प्रायद्वीप और उत्तरी अफ़्रीका में अल-क़ायदा की मौजूदगी के कारण जवाहिरी के पास अभी भी बड़ी ताक़त है.लेकिन बग़दादी को सबसे संगठित और युद्ध के सबसे निर्मम रणनीतिकार के रूप में शोहरत हासिल है. विश्लेषकों का कहना है कि युवा जिहादियों में धार्मिक गुरु की छवि रखने वाले जवाहिरी की अपेक्षा आईएसआईएस के प्रति ज़्यादा आकर्षण का यह प्रमुख कारण है.अक्टूबर 2011 में अमरीकी अधिकारियों ने बगदादी को 'आतंकी' घोषित कर दिया था और उनके जिंदा या मुर्दा पकड़ने के लिए पर एक करोड़ डॉलर (क़रीब 60 करोड़ रुपए) का ईनाम घोषित कर दिया था.इसमें बगदादी के उपनामों- अबू दुआ और डॉक्टर इब्राहिम अवाद इब्राहिम अली अल-बद्री अल-समाराई का भी ज़िक्र है.उनकी वास्तविक पहचान को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है इसलिए उनके रहने वाली जगह भी अस्पष्ट है. हालांकि कहा जाता है कि वो सीरिया के रक्का में थे.इसलिए दुनिया के सबसे दुर्दांत जिहादी संगठनों में से एक के मुखिया के बारे में जवाबों से ज़्यादा सवाल बरकरार हैं.

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari