महंत नरेंद्र गिरि के कथित सुसाइड नोट ने छोड़े कई सवाल, पुलिस कर रही जांच
प्रयागराज (आईएएनएस)। भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की माैत के मामले जांच चल रही है। इस दाैरान कथित तौर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट सामने आया है। इस सुसाइड नोट से कई सारे सवाल उठ रहे हैं। लगभग 6 पृष्ठों के सुसाइड नोट से पता चलता है कि महंत बहुत परेशान थे लेकिन स्पष्ट रूप से उन घटनाओं का उल्लेख नहीं किया है जिनकी वजह से वह इस कदम को उठाने को प्रेरित हुए हैं। महंत ने कहा है कि वह अपने अलग हुए शिष्य आनंद गिरि और हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी के कारण परेशान थे, लेकिन उन्होंने विस्तार से नहीं बताया। महंत ने इन तीनों के बारे में विशिष्ट घटनाओं के बारे में कुछ भी नहीं कहा है, जिससे वह बहुत परेशान हैं।
पुलिस सुसाइड नोट के खुलासे में बेहद सतर्कता बरत रही
इस घटना को लेकर एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि दिवंगत संत को परेशान करने वाले कारणों का पता लगाने के लिए हम तीनों से अलग-अलग पूछताछ कर रहे हैं। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस सुसाइड नोट के खुलासे में बेहद सतर्कता बरत रही है। इसके अलावा, नोट की सत्यता पर भी सवाल उठाया गया है क्योंकि संत के करीबी लोगों ने कहा है कि वह एक या दो वाक्य से आगे लिखने में माहिर नहीं थे। यहां तक कि आरोपी आनंद गिरी ने भी कहा है कि सुसाइड नोट उसे फंसाने के लिए लिखा गया है। सुसाइड नोट भी एक तरह की वसीयत है क्योंकि इसमें महंत की अपने उत्तराधिकार के बारे में इच्छाओं का उल्लेख है। पत्र को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है और हम उनकी लिखावट से नमूनों का मिलान करेंगे।
मठ और अखाड़े के उत्तराधिकारियों के नाम भी लिखे गए
पुलिस के मुताबिक इस सुसाइड नोट में मठ और अखाड़े के उत्तराधिकारियों के नाम भी लिखे गए हैं लेकिन सामग्री का अभी खुलासा नहीं किया गया है। इसके साथ ही सम्मान और अपमान के बारे में भी कुछ बातें लिखी गई हैं। महंत ने लिखा कि उन्होंने अपना जीवन सम्मान और गरिमा के साथ जिया है और अब अपमान नहीं सह सकते। सुसाइड नोट महंत के शव के पास बिस्तर पर पड़ा था। सूत्रों के मुताबिक महंत ने वीडियो में एक मैसेज भी रिकॉर्ड किया जो अब पुलिस के कब्जे में है। 4 मिनट का वीडियो केवल वही कहता है जो सुसाइड नोट में कहा गया है।