दिल्‍ली विस चुनाव में सिर्फ एक हफ्ते का समय बचा है. अब ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां अपने लोकलुभावन घोषणापत्र के जरिये जनता का दिल लूटने में लगी हैं. इसी फेरहिस्‍त में दिल्‍ली चुनावों में हलचल मचाने वाली आम आदमी पार्टी आप ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. हालांकि इस बार भी अरविंद केजरीवाल ने बिजली समस्‍या के मुद्दे को गंभीरता से उठाया है. तो आइये जानें आप की झोली में कितने लॉलीपॉप हैं...

बिजली और पानी है बड़ी समस्या
आप ने अपने इस घोषणापत्र में बिजली और पानी को दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या बताया है. घोषणापत्र में नजर डालें तो, दिल्ली में बिजली के बिल आधे करने, 20 हजार लीटर मुफ्त पानी, फ्री वाई-फाई, 10-15 लाख CCTV कैमरे लगाने का वादा किया है. इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल का पुराना मुद्दा जनलोकपाल बिल भी इस घोषणापत्र में मुख्य रूप से शामिल किया गया है. वहीं महिलाओं की सुरक्षा पर भी केजरीवाल ने कोई समझौता नहीं किया. इसके तहत बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिये गार्ड नियुक्त करने जैसे अहम वादे भी किये. हालांकि आप ने अपने घोषणापत्र में गरीब नागरिकों को बेहतर इलाज मुहैया कराने का भी वादा किया.
दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा
अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवालों से राज्य को पूर्ण दर्जा दिलवाने का भी वादा किया. केजरीवाल ने कहा कि, उनकी सरकार बनते ही दिल्ली एक पूर्ण राज्य में शामिल की जायेगी. इसके तहत आप केंद्र सरकार को अपना प्रस्ताव भी भेजेगी. इसके अलावा केजरीवाल ने शिक्षा व्यवस्था में आ रही खामियों को भी दूर करने का भरोसा दिलाया. दिल्ली में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये केजरीवाल ने अपने घोषणापत्र में 20 नये कॉलेज और 500 नये स्कूल खोलने का भी वादा किया.
घोषणापत्र है गीता की तरह
इस चुनावी घोषणापत्र को निकालते हुये केजरीवाल ने कहा, 'यह हमारे लिए गीता, बाइबल, कुरान और गुरुग्रंथ साहिब की तरह है. हम अपनी बातों को पूरी तरह से अमल में लाने का प्रायस करते हैं. आने वाले 5 सालों में  पार्टी क्या करेगी, इसका इसमें जिक्र है. हमने जो घोषणापत्र  बनाया है, वह एक दिन का काम नहीं है. इसे बनाने के लिये हमारी पार्टी ने चार महीने लगातार मेहनत की है.' आपको बताते चलें कि, आप ने यह घोषणापत्र आशीष खेतान की अध्यक्षता में बनाया है. हालांकि केजरीवाल ने यह भी कहा कि AAP 'जो कहा, सो किया' में यकीन रखती है. दूसरी पार्टियों के लिए घोषणापत्र सिर्फ एक औपचारिकता है कि चुनाव है तो कुछ तो बोलना ही है.'

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari