मुंबई के नजदीक थाणे के ओवला गांव में राजेंद्र ओवलेकर ने अपनी दो एकड़ ज़मीन पर खेल का एक अनोखा मैदान बनाया है. इस मैदान पर बच्चे नहीं बल्कि तितलियां खेलती हैं. चौंक गए ना आप बात ही कुछ ऐसी है.
पेशे से फिज़िकल ट्रेनर राजेंद्र ओवलेकर को तिललियों से बहुत लगाव है. इसी लगाव की वजह से उन्होंने थाणे के घोडबंदर रोड पर तितलियों के लिए बाक़ायदा एक बाग़ीचा तैयार किया है.लेकिन उन्हें यह अनूठा शौक़ लगा कैसे, राजेंद्र बताते हैं, ''जब हम छोटे थे, तब गांव के आसपास कई बार पौधों पर तितलियों को मंडराते हुए देखते थे. यहीं से मेरी रुचि जागी. साल 2005 में बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के एक कार्यक्रम में गया था. वहां तितलियों के बारे में बताया जा रहा था. तभी मैंने तय कर लिया कि अपनी दो एकड़ ज़मीन को बटरफ्लाई पार्क में तब्दील कर दूंगा.''राजेंद्र बताते हैं कि इसके लिए उन्होंने अपने पार्क को तरह-तरह के पौधों से सजाया-संवारा.
वह कहते हैं, ''सभी तितलियां फूलों की ओर आकर्षित नहीं होती. इसलिए हमने यहां कई फ्रुट-बॉस्केट भी रखे हैं.''
राजेंद्र का दावा है कि उनके पार्क में दुर्लभ प्रजाति की कई तितलियों को निहारा जा सकता है.
Posted By: Satyendra Kumar Singh