जमीन के 620 मील नीचे मिला समुद्र, सूखा तो खत्म हो जाएगा धरती से जीवन
पृथ्वी के गर्भ में मिला समुद्पृथ्वी के गर्भ में छुपे हुये इस समुद्र पर पहली रिसर्च फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ इडेनबर्ग ने की है। रिसर्च में पता चला की पृथ्वी की सतह से सैकड़ो किलोमीटर अंदर पानी का भंडार है। अभी तक पानी का यह भंडार सभी से छुपा हुआ है। वैज्ञानिकों की माने तो इस पानी का भार पृथ्वी के भार का मात्र 1.5 प्रतिशत है। यह उतना ही है जितना विश्व के सभी समुद्रों को मिलाकर होगा। मैनाक मुखर्जी नाम के रिसर्चर ने बताया कि हमे नही पता कि वहां पर इतनी मात्रा में पानी कैसे स्टोर हुआ। पर यह सैकड़ों वर्षों का नतीजा है। हम ये पता लगाना चाहते हैं कि यह पानी हमारे लिए कितना इफेक्टिव है।
यह खनिज इतना छोटा होता है कि इसे कोरी आंखों से नहीं देखा जा सकता। हीरे के भीतर रिंगवुड़ाइट को खोजने का श्रेय पियरशन के स्नातक छात्र जॉन मैक्नील को है। उसने 2009 में इस नमूने में रिंगवुड़ाइट की खोज की थी। इस खनिज की वैज्ञानिक रूप से पुष्टि करने में कई वर्ष लग गए। इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोग्राफी और एक्स रे के जरिए उसका विस्तृत विश्लेषण किया गया। अल्बर्टा यूनिवर्सिटी में पियरसन की भू-रसायन प्रयोगशाला में इस खनिज की पानी की मात्र नापी गई। यह प्रयोगशाला केनेडा के विश्व प्रसिद्ध सेंटर फॉर आइसोटोपिक माइक्रोएनिलिसिस का एक हिस्सा है।
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