जब भरतीय सुरक्षा बलों और पाकिस्‍तानी रेंजरों ने तय कर लिया है की इस स्‍वतंत्रता दिवस पर मिठाइयों का लेन देन नहीं होगा तब एक ऐसी भी सेना है जिसने वचन लिया है कि वो दोनों देशों की सीमाओं के आर पार कम से कम दस लाख जरूरतमंदों को भर पेट खाना खिलायेगी।


दोनों देशों में काम करती है राबिन हुड आर्मी जब बात होती है भूखों को खाना खिलाने की तो शायद कोई भी सरहद के बारे में नहीं सोचता दरसल कितना सोचता है ये जानना ही मुश्किल है। पर एक सेना है राबिन हुड आर्मी जो सिर्फ यही सोचती है कि कैसे उन लोगों का पेट भरा जाए जिनके पास इसके लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है। और इस सेना का इस बार स्वतंत्रता दिवस पर एक अनोखा प्रयास है। हिंदुस्तान औश्र पाकिस्तान दोनों देशों में काम कर रहे इस सेना के लोगों ने फैसला किया है कि इस स्वतंत्रता दिवस पर वो भारत और पाक के बीच प्यार बढ़ाने के लिए एक साथ भूख के खिलाफ ये लड़ाई लड़ेंगे।  मिशन 100 के में साथ होंगे भारत पाक
भारत औश्र पाकिस्तान में करीब 300 मिलियन ऐसे लोग हैं जिन्हें भरपेट खाना मयस्सर नहीं होता स्वयंसेवकों के सहारे चलने वाली राबिन हुड आर्मी रेस्टोरेंटस और होटलों से बचे हुए खाने को इक्कठा करके उसे ऐसे लोगों को मुहैया कराती है। इस बार मिशन 100 के के नाम से दोनों देशों में एक संयुक्त मुहीम शुरू करके ये आर्मी लोगों तक खाना पहुंचाएगी। इसमें मोबाइल के सहारे दोनों देशों में युवा लोगों को आमंत्रित किया जाएगा कि वे इस मिशन में शामिल हों और अपने अपने देश में स्वतंत्रता दिवस पर कम से कम एक भूखे को खाना खिलायें। इसके लिए वो किसी रेस्टोरेंट या और किसी खाना बनाने वाले की मदद लें या अपने घर से खाना ला कर खिलायें पर ऐसा करें जरूर। औश्र आर्मी इस गिनती को 100000 के ऊपर ले जाना चाहती है।एक हिंदुस्तानी ने पाकिस्तानी दोस्तों की मदद से शुरू की मुहीम राबिन हुड आर्मी की नीव हिंदुस्तान में 27 साल के नील घोष ने डाली थी। उन्होंने अभियान शुरू किया कि खाना बर्बाद करने की बजाय भूखों के पेट जाने का इंतजाम किया जाए। पाकिस्तान में उनके सहयोगी बने सराह अफरीदी और सर फराज अबीद। अब इन लोगों ने स्वतंत्रता दिवस पर इस संयुक्त अभियान को चलाने काफैसला किया है।

Hindi News from World News Desk

Posted By: Molly Seth