दिल्‍ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए हर साल मारा-मारी रहती है. इस बार भी ऐसा स्‍टूडेंट्स एडमिशन के लिए सेकेंड कट ऑफ लिस्‍ट का इंतजार कर रहे हैं. गौरतलब है पहली कट ऑफ के बाद भी दिल्‍ली यूनिवर्सिटी में 60 परसेंट से ज्‍यादा सीटें खाली हैं.


कट ऑफ हाई लेकिन सीटें खालीडीयू में एडमिशन लेने के लिए छात्र कई दिनों पहले से दिल्ली पहुंच जाते हैं और कट ऑफ लिस्ट का वेट करते हैं. ऐसे में जब स्टूडेंट्स का फर्स्ट कट ऑफ परसेंट लिस्ट में एडमिशन नही हो पाता तो वह दुसरी कट ऑफ लिस्ट जारी होने का इंतजार करता है लेकिन यह अवेलेबल सीटों और कॉर्स पर भी डिपेंड करता हैं कि किसी स्टूडेंट को उसके पसंद का कोर्स मिलेगा या नही. इस बार की फर्स्ट कट ऑफ लिस्ट जारी होने के बाद भी दिल्ली युनिवर्सिटी में 60 परसेंट से ज्यादा सीटें खाली हैं लेकिन कट ऑफ काफी हाई गई हैं. किस कॉलेज में कितनी सीटें
डीयू के रामलाल आनंद कॉलेज में पहली कटऑफ के बाद भी बीए प्रोग्राम, बीकॉम ऑनर्स, बीएससी कंप्यूटर साइंस, इंग्लिश ऑनर्स और हिन्दी ऑनर्स में सीटें खाली हैं. हालांकि पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स और स्टेटिस्टिक्स ऑनर्स कोर्स में सारी सीटें भर चुकी हैं. इस कॉलेज के प्रिंसीपल डॉ. विजय शर्मा ने बताया है कि उनके कॉलेज में 600 सीटों में से 122 सीटें भरी जा चुकी हैं. इसके साथ ही महाराजा अग्रेसन कॉलेज में फर्स्ट कटऑफ के बाद भी 50 फीसदी से ज्यादा सीटें खाली हैं. इस कॉलेज के प्रिंसिपल ने बताया कि इस कॉलेज में इंग्लिश ऑनर्स, हिन्दी ऑनर्स, बीए प्रोग्राम और इलेक्ट्रॉनिक्स ऑनर्स जैसे कोर्सों में सीटें खाली हैं. इसलिए यह कॉलेज सेकेंड कटऑफ में दो परसेंट कम करेगा. इसके अलावा शहीद भगत सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल पीके खुराना ने अपने कॉलेज की खाली सीटों के बारे में बताया कि उनके यहां बीकॉम ऑनर्स, इकोनॉमिक्स ऑनर्स और हिन्दी ऑनर्स कोर्स में 60 परसेंट से भी ज्यादा सीटें खाली हैं. ईवनिंग कोर्सेस में भी सीटें खालीमॉर्निंग कॉलेजों के अलावा सीटों के खाली रहने की स्थिति ईवनिंग कॉलेजों में भी सेम है. शहीद भगत सिंह ईवनिंग कॉलेज में अधिकतर कोर्सेस में सीटें खाली हैं. इसलिए यह कॉलेज बीकॉम ऑनर्स, जियोग्राफी ऑनर्स, पॉलिटिकल साइंस ऑनर्स और बीए प्रोग्राम जैसे कोर्सों में भी गिरावट देखी जा सकती है. इसके अलावा रामानुजन कॉलेज के प्रिंसिपल एसपी अग्रवाल ने बताया कि उनके कॉलेज में भी अगर इंग्लिश ऑनर्स को छोड़ दिया जाए तो सभी कोर्सों में 60 परसेंट से ज्यादा सीटें खाली हैं.

Posted By: Prabha Punj Mishra