कहीं ऑनलाइन खरीदा मोबाइल चोरी का तो नहीं?
जुलाई में दिल्ली एयरपोर्ट से लगभग एक करोड़ रुपए के 600 महंगे मोबाइल फ़ोन चोरी हो गए थे।ये फ़ोन हांगकांग से भारत मंगाए गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, छानबीन पर पता चला कि चोरी हुए करीब 200 मोबाइल फ़ोन कथित तौर पर फ़्लिपकॉर्ट डॉट कॉम पर देश के कई हिस्सों में बेच दिए गए थे।इस मामले में छह लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और जांच जारी है लेकिन उन लोगों की क्या ग़लती जिन्होंने ये फ़ोन कंपनी वेबसाइट पर खरीदे?पढ़ें, विस्तार से
साइबर मामलों के जानकार पवन दुग्गल कहते हैं, “बहुत से मामलों में ऑनलाइन विक्रेता पूरा बिल नहीं देते या वादा तो करते हैं लेकिन बिल नहीं भेजते। कई ध्यान भी नहीं देते हैं। लेकिन उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की ज़रूरत है।”उधर, डीसीपी (इंदिरा गांधी हवाई अड्डा) दिनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि उन्होंने फ्लिपकार्ट से जो जानकारियां मांगी हैं वो उन्हें दी जा रही हैं और कंपनी जांच में सहयोग कर रही है।बड़ा बाज़ार
ऑडिट कंपनी प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स के तकनीक और ई-कॉमर्स प्रमुख संदीप लड्डा के अनुसार, भारतीय ई-कॉमर्स बाज़ार एक लाख 25 हज़ार करोड़ का है और पिछले पांच सालों से इसमें 36 प्रतिशत कंपाउंडेड वार्षिक प्रगति दर की रफ़्तार से बढ़ोतरी हो रही है।क्या कंपनियां सावधानियां बरत रही हैं? क्या उनके लिए ऐसा करना संभव भी है? उनका क्या अनुभव है?
-पता करें कि उत्पाद नया है या पुराना।
-उत्पाद के बारे में कितने विस्तार से जानकारी दी गई है।-सुरक्षित वेबसाइट पर सामान खरीदें।-क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल साइबर कैफ़े में न करें।