हर भारतीय को पढ़नी चाहिए इन 6 महिलाओं की कहानी
2. गांव की मजबूर आज अमेरिका में है सीईओ :
तेलंगाना के वारांगल में पैदा हुई ज्योति रेड्डी की कहानी हम सभी के लिए प्रेरणा से कम नहीं है। साल 1989 में पांच रुपये प्रति दिन की मजदूरी करने वाली ज्योति आज यूएसए में एक बड़ी कंपनी की सीईओ हैं। एक मजदूर से सीईओ बनने का सफर इतना आसान नहीं था। इसके लिए ज्योति ने कड़ी मेहनत की और अपनी एक अलग पहचान बनाई।
4. राजस्थान के गांव की सरपंच :
राजस्थान के किशनगढ़ जिले के हरदमा गांव की रहने वाली नरौती कई महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं। एक दलित परिवार में जन्मीं नरौती के लिए सरपंच बनने की राह आसान नहीं थी। सरपंच बनने से पहले नरौती पत्थर काटने का काम करती थी। इसके एवज में उन्हें जो दिहाड़ी मिलती थी उससे घर खर्च चलता था। फिलहाल जो हाथ पत्थर तोड़ा करते थे वह अब कंप्यूटर पर चलते हैं। नरौती का मकसद है अपने गांव को स्वच्छ और सुंदर बनाना।
6. एक सफल बिजनेसवुमेन :
भारत की सबसे सफल महिला बिजनेसवुमेन में से एक कल्पना सरोज कमानी ट्यूब्स की चेयर पर्सन हैं। कल्पना का शुरुआती जीवन काफी कठिन रहा। 12 साल की उम्र में कल्पना की शादी हो गई। ससुराल में कल्पना को काफी परेशान किया जाने लगा। इन सबसे तंग आकर कल्पना ने एक बार सुसाइड करने का भी मन बना लिया था। खैर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। कल्पना ने बाद में एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करना शुरु किर दिया। इसके बाद वह टेलरिंग के बिजनेस में आ गईं और फिर एक फर्नीचर स्टोर खोला। इस समय कल्पना के पास तकरीबन 112 मिलियन की संपत्ति है। कल्पना को पद्मश्री अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है।