आजकल की भागती-दौड़ती जिंदगी में आप जाने-अनजाने स्‍ट्रेस के शि‍कार हो ही जाते हैं. ले‍किन सबसे खतरनाक बात यह है कि‍ अक्‍सर लोगों को उन कारणोें पता ही नहीं चल पाता जो उनके स्‍ट्रेस को चुपके से बढ़ाते रहते हैं. आइए जानें उन पांच कारणों के बारे में जो आपका स्‍ट्रेस बढ़ा सकते हैं.


जींस में हो सकती है दिक्कतअगर आप बात-बात में स्ट्रेस लेना शुरु कर देते हैं तो यकीन मानिए इसमें आपके जींस का दोष हो सकता है. स्विडिश डॉक्टरों की रिसर्च के अनुसार कुछ लोग छोटी-छोटी बात पर स्ट्रेस लेना शुरु कर देते हैं. लेकिन ऐसे लोग अपने माता-पिता से मिले जींस की वजह से ऐसा करते हैं. जींस की वजह से लोग आशावादी, स्वआलोचक और कॉंफीडेंट हो सकते हैं. मेडिकल साइंस अब तक जींस से जुड़े विहेवियर को कंट्रोल करने का कोई तरीका नहीं खोज पाई है. ऐसे में आपको स्ट्रेस बस्टर तकनीकों का सहारा लेना पड़ेगा. कहीं ज्यादा मीठा तो नहीं खा रहे
डॉक्टरों के अनुसार अक्सर मीठा खाने वाले ज्यादातर मुस्कराते रहते हैं. ऐसे में लोग ज्यादा से ज्यादा मीठा खाना पसंद करते हैं. लेकिन आपके शरीर के साथ-साथ आपके दिमाग को भी एक संतुलित डाइट की जरूरत होती है. इसलिए रेगुलर मील में मीठा का प्रतिशत बढ़ाकर आप खुश रहना तो शुरु कर सकते हैं. लेकिन इससे कठिन परिस्थितियों से निपटने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है. छोटी सी समस्या आने पर भी आप स्ट्रेस से घिर जाते हैं. इसलिए अगर आप बहुत ज्यादा मीठा खा रहे हैं तो थोड़ा कंट्रोल कीजिए. कैफीन भी है खतरनाक


कैफीन के अधिक सेवन को भी स्ट्रेस बढ़ाने से जोड़कर देखा जाता है. कैफीन के बारे में आम धारणा यह है कि यह आपको जगाए रखने में काफी मदद करती है लेकिन यह आपके शरीर पर स्ट्रेस डालकर नींद को दूर भगा देती है. डॉक्टर्स के अनुसार कैफीन स्ट्रेस बढ़ाने वाले हार्मोन को बढ़ाने में भी सहायक होती है. कैसे लेते हैं स्ट्रेस कोस्ट्रेस से घिरे लोगों का इलाज करने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्ट्रेस बढ़ने पर कुछ लोग देर तक काम करना शुरु कर देते हैं तो वहीं कुछ लोग स्ट्रेस से बचने के लिए पिज्जा-बर्गर खाना शुरु कर देते हैं. लेकिन ऐसे सभी प्रयोगों से सिर्फ स्ट्रेस में वृद्धि होती है. स्ट्रेस्ड लोगों से रहें दूरअगर आप ऐसे लोगों के बीच रह रहे हैं जो काफी स्ट्रेस में जिंदगी बिता रहे हैं तो यकीन मानिए कि आप भी अपने स्ट्रेस को न्योता दे रहे हैं. दरअसल जब भी आप किसी के बुरे हालातों के बारे में सोचते हैं तो धीरे-धीरे ही सही आप अपनी जिंदगी के बुरे पहलूओं पर गौर करना शुरु देते हैं.

Posted By: Prabha Punj Mishra