इन पांच वजहों के चलते धोनी को छोड़नी पड़ी कप्तानी
2. अब सिर्फ क्रिकेट को करेंगे इंज्वॉय :
धौनी को पता है कि एक खिलाड़ी के तौर पर उन्हें सिर्फ अपने प्रदर्शन पर ही ध्यान देना होगा। वह एक क्रिकेटर के तौर पर दो साल और क्रिकेट खेल सकते हैं, क्योंकि वह शारीरिक तौर पर पूरी तरह से फिट हैं। इसके लिए टी-20 विश्व कप में बांग्लादेश के खिलाफ उनके द्वारा किया गया रन आउट ही काफी है।
4. यह है वर्ल्डकप 2019 की तैयारी :
साल 2011 में धोनी की कप्तानी में भारत ने वर्ल्डकप जीतकर नया इतिहास रचा था। उस समय धोनी अपने करियर के उच्च शिखर पर थे। वह जो फैसला लेते थे वह सही साबित होता था। अब भारत को अगले वर्ल्डकप की तैयारी करनी है। 2015 तो हाथे सि निकल गया लेकिन 2019 में एक बार फिर भारत मुख्य दावेदार के रूप में खेलने उतरेगी। इसके लिए अभी से तैयारी शुरु हो गई। अगर कोहली कप्तानी की कमान संभाल लेते हैं तो वह 2019 तक कप्तानी के हर दांव-पेंच सीख जाएंगे। शायद इसीलिए धोनी ने कप्तानी का पद खाली कर नए कप्तान को पूरा समय दिया है।
5. कौन पड़े झमेले में :
एक अंतरर्राष्ट्रीय टीम की कप्तानी करना आसान काम नहीं होता। मैदान पर बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव तो होता ही है, साथ ही टीम संयोजन को लेकर भी काफी माथा-पच्ची करनी पड़ती है। टीम का खिलाड़ी तो मैच खेलने के बाद आराम करता है लेकिन कप्तान को सेलेक्टर्स के साथ मीटिंग करनी पड़ती है। ऐसे में धोनी इन सब पचड़े से दूर सिर्फ खेल पर ध्यान लगाना चाहते हैं।
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