जाने लिव इन रिलेशनशिप के पांच फायदे
सामाजिक दायित्वों का बोझ नहीं होता
जब आप एक लिव इन रिलेशनशिप में जाते हैं तो पहले ही समाजिक बंधनों से विद्रोह कर चुके होते हैं ऐसे में शादी के साथ आने वाले तमाम समाजिक बंधनों से आप मुक्त हो जाते हैं। आपके ऊपर पारिवारिक और सामाजिक किसी तरह के नियम लागू नहीं होते जिन्हें मामने का तनाव अक्सर शादी ब्याह के साथ आता है। आप अपनी पर्सनल स्पेस इंज्वॉय कर सकते हैं। खर्चे शेयर कर सकते हैं और रिश्ते नातों से जुड़ी कई मजबूरियों से स्वतंत्र होते हैं।
कानूनी उलझाव से आजादी
क्योकि आपका रिश्ता शादी की तरह कानूनी रिलेशन नहीं हैं तो इससे जुड़े कानूनी पचड़े भी आप झेलने के लिए मजबूर नहीं होते। बिना शक आप एक रिश्ता टूटने पर भावनात्मक तकलीफ से गुजरते हैं पर ये ब्रेकअप लिव इन में ज्यादा आसानी से हैंडल किया जा सकता है एक उलझे हुए तलाक के कानूनी दांवपेंच की तुलना में। कई बार कानूनी प्रक्रिया की जटिलता के चलते आप सालों तक अलगाव की पीड़ा को झेलते ही हैं, कभी कभी एक अनचाहे रिश्ते को ढोते चले जाते हैं।
आर्थिक आजादी
लिव इन रिलेशनशिप में ना तो कोई पक्ष आर्थिक रूप से किसी पर निर्भर होता है ना ही किसी पक्ष को किसी का आर्थिक बोझ उठाना अनिवार्य होता है। संबंध खत्म होने पर भी कोई आर्थिक बोझ किसी पर नहीं पड़ता है। आप अपनी खुशी से अपने पार्टनर पर धन खर्च कर सकते हैं पर आप इसके लिए मजबूर नहीं होत और ना ही कोई इस पर सवाल उठा सकता है।
शादी से पहले एक दूसरे के साथ की जांच
अगर आप शादी भी करना चाहते हैं तो लिव इन रिलेशन एक टेस्ट की तरह होती है कि क्या आप एक दूसरे के साथ एक अच्छा और खुशहाल जीवन बिता सकेंगे। क्या आप वाकई एक दूसरे के लिए अनुकूल हैं। पर फेक्ट कोई नहीं होता पर एक दूसरे के लिए आपका प्यार और कमिटमेंट आप को रिश्ता निभाने के लिए सहयोग जरूर देता है और लिव इन रिलेशनशिप आपको शादी के पहले इसकी जांच का मौका दे देती है।
एक दूसरे का सम्मान
क्योंकि लिव इन रिलेशनशिप में कोई पार्टनर एक दूसरे पर आर्थिक, कानूनी और सामाजिक रूप से निर्भर नहीं होता और दोनों जानते हैं कि उनके पास इस रिश्ते से बाहर निकलने का रास्ता हमेशा खुला है इसलिए वे एक दूसरे की सेल्फ रेस्पेक्ट का सदा ख्याल रखते हैं। एक दूसरे को चोट नहीं पहुंचाते और उनकी भवनाओं का हमेशा ख्याल रखते हैं। अपवाद हर जगह हो सकते हैं और ऐसा हुआ तो और वैसा हुआ तो जैसे सवाल भी हर रिष्ते में होते हैं। चाहे शादी हो या लिव इन रिलेशनशिप दोनों में ही प्यार विश्वास और सम्मान का होना जरूरी है वरना दोनों ही कभी भी टूट सकते हैं बस शादी के साथ जो कांप्लीकेशन हैं वो लिव इन में नहीं होते या कम होते हैं।