नौसेना को दुश्‍मन पर वार करने के लिए एक नया हथियार नये साल पर दिया जा रहा है। 12 जनवरी को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड एमडीएल पर कलवरी श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी खांदेरी को लॉन्‍च किया जायेगा। जिसके बाद भारत की ताकत दुश्‍मन मुल्‍कों से कई गुना बड़ जायेगी। ये पनडुब्‍बी एंटी मिसाइल से लेकर परमाणु झमता से लैस होगी।


कलवरी का समुद्री परीक्षण पूराकलवरी श्रेणी की दूसरी पनडुब्बी खांदेरी को 12 जनवरी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड एमडीएल में किया जाएगा। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने इसकी जानकारी दी। जलावतरण में पनडुब्बी उस पंटून से अलग होगी जिस पर इसे तैयार किया जा रहा है। भारत दुनिया के उन कुछ देशों में शामिल है जो परंपरागत पनडुब्बियों का निर्माण करते हैं। भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 75 के तहत एमडीएल में फ्रांस के मैसर्स डीसीएनएस के साथ मिलकर छह पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है। कलवरी की पहली पनडुब्बी का समुद्री परीक्षण पूरा हो रहा है। इसे जल्द ही नौसेना में शामिल किया जाएगा। इसलिए सबमरीन का नाम पड़ा खांदेरी
खांदेरी नाम मराठा बलों के द्वीपीय किले के नाम पर दिया गया है। इसकी 17वीं सदी के अंत में समुद्र में मराठा बलों का सर्वोच्च अधिकार सुनिश्चित करने में बड़ी भूमिका थी। इस सबमरीन से टारपीडो के जरिए भी दुश्मन पर अटैक किया जा सकेगा। सममरीन पानी में हो या सतह पर दोनो ही स्थितियों में इसकी ट्यूब प्रणाली एंटी सिप मिसाइल लॉन्च कर सकती है। सबमरीन को ऐसे डिजाइन किया गया है कि वो हर जगह चल सके। इस सबमरीन के जरिए नेवल टास्क फोर्स भी दुश्मनों पर कभी भी कहीं से भी हमला करने में सक्षम होगी। इस पनडुब्बी को माड्यूलर कंस्ट्रेक्शन को ध्यान में रख कर बनाया गया है। इसके तहत सबमरीन को कई सेक्शन में डिवाइड किया जा सकता है।Interesting News inextlive from Interesting News Desk

Posted By: Prabha Punj Mishra