डाॅ. बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी की 2824 मार्कशीट फर्जी घोषित, उन्हीं डिग्रीयों पर पढ़ा रहे टीचर
आगरा (ब्यूरो)। यूनिवर्सिटी के अतिथि गृह में शुक्रवार सुबह बीएड के फर्जी छात्रों की पड़ताल के लिए परीक्षा समिति की बैठक हुई। जिसमें 3637 मामलों में रोल नंबर जेनरेट कर फर्जी मार्कशीट हासिल करने की पुष्टि हुई। जिसके बाद कार्यपरिषद की बैठक हुई। कार्यवाहक कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक डाॅ. राजीव कुमार ने बताया कि 3637 फर्जी छात्रों में से 813 ने प्रत्यावेदन दिए हैं। प्रत्यावेदन देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था, 2824 ने कोई प्रत्यावेदन नहीं दिया है। लिहाजा इन्हें फर्जी माना है, 10 फरवरी को हाईकोर्ट में सूची पेश की जाएगी, एसआईटी को भी सूची दी जाएगी। प्रत्यावेदन एसआईटी को सौंपे जाएंगे। जिसकी एसआईटी जांच करेगी, इसके बाद निर्णय लिया जाएगा।
जरा समझ लेंगौरतलब है कि यूनिवर्सिटी के बीएड सत्र 2005 में रोल नंबर जनरेट, नंबर बढ़ाने के साथ एक रोल नंबर पर दो मार्कशीट जारी की गई। इसके लिए यूनिवर्सिटी के माक्र्स चार्ट मेंं अतिरिक्त पन्ने लगाए गए, इन फर्जी मार्कशीट से सरकारी शिक्षक के पद पर नियुक्ति ले ली गई। इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर एसआईटी ने जांच की। विवि के माक्र्स चार्ट में 4766 फर्जी छात्र पकड़े गए। इनकी सूची विवि को गत 28 दिसंबर को सौंपी गई। यूनिवर्सिटी ने इस सूची को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया, और साथ ही सूची में शामिल छात्रों से 15 दिन में 17 बिंदुओं पर साक्ष्यों के साथ प्रत्यावेदन मांगे। यूनिवर्सिटी को जनवरी में 1306 प्रत्यावेदन प्राप्त हुए। अब इस प्रकरण पर 10 फरवरी को हाईकोर्ट में यूनिवर्सिटी फर्जी छात्रों की सूची दाखिल करेगा।
एक नजर में- 4766 फर्जी छात्र चिह्नित- 3637 रोल नंबर जनरेट वाले फर्जी छात्र- 1129 फर्जी छात्रों पर नहीं लिया गया फैसला- 813 छात्रों ने जवाब दिए- 795 छात्रों ने प्रत्यावेदनों में महत्वपूर्ण सूचनाएं नहीं दीं- 18 छात्रों ने प्रत्यावेदन में महत्वपूर्ण सूचनाएं दीं- 1084 मार्कशीट टेम्पर्ड (नंबर बढ़ाए गए) मिलीं- 45 एक रोल नंबर पर दो मार्कशीट'माननीय हाईकोर्ट के आदेश के बाद जांच पड़ताल में 3637 फर्जी छात्रों में से 813 ने प्रत्यावेदन दिए हैं। प्रत्यावेदन देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था, 2824 ने कोई प्रत्यावेदन नहीं दिया है। लिहाजा इन्हें फर्जी माना है, 10 फरवरी को हाईकोर्ट में सूची पेश की जाएगी, एसआईटी को भी सूची दी जाएगी।'- प्रो. अरविंद दीक्षित, कुलपति, डाॅ. बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा