भारत ही नहीं विदेशों में भी भारतीय सपेरों का बोलबाला है। हाल ही में राज्‍य ने भारत से दो सांप पकड़ने वालों को बुलाया है। पिछले चार सालों से ये राज्‍य बर्मेजी अजगरों से लड़ रहा है। ये अजगर छोटे स्‍तनधारी प्राणियों को अपना शिकार बना रहे हैं। ऐसे में भारत से गए 2 सपेरों ने वहां के लोगों को सांप पकड़ने की अनोखी कला से हैरान कर दिया है।


लुप्त हो रहे थे स्तनधारी प्राणीफ्लोरिडा के वन्यजीव अधिकारियों ने बर्मेजी अजगरों को पकड़ने के लिये दो भारतीय सपेरों को काम पर रखा है। यह बर्मेजी अजगर छोटे स्तनधारी प्राणियों को अपना निवाला बना रहे थे जिससे कुछ प्रजातियों की जनसंख्या विलुप्ति होने की कगार पर पहुंच गई है। भारत से चुने गए यह दोनों सपेरे मासी सदाइयान और वैदिवेल गोपाल तमिलनाडु की इरुला जनजाति के हैं। उन्होंने सिर्फ आठ दिन में एक 16 फुट लंबी मादा अजगर समेत 13 अजगरों को पकड़ा। फ्लोरिडा के अधिकारी हुए हैरान


फ्लोरिडा फिश ऐंड वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन कमिशन एफडब्ल्यूसी के अधिकारी उनके इस करतब से हैरान हैं। एफडब्ल्यूसी और फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के फूड एंड एग्रिकल्चरल साइंसके अधिकारियों ने इसे एक यूनीक प्रोजेक्ट बताया। एफडब्ल्यूसी के वाइल्डलाइफ मैनेजमेंट सेक्शन के सेक्शन लीडर क्रिस्टन सोमर्स ने कहा इरुला अपने देश में अजगरों को बड़ी कुशलता से पकड़ते हैं। ऐसे में हमें उम्मीद है कि वह फ्लोरिडा में लोगों को अपना कुछ कौशल सिखा सकते हैं। 46 लाख रुपये मिलेगी तनख्वाह

विश्व प्रसिद्ध इरुला जनजाति के लोगों ने काम पर पहले आठ दिनों में क्रोकोडाइल लेक नेशनल वाइल्डलाइफ रिफ्यूजी में पहले दौरे पर चार अजगरों समेत कुल 13 अजगरों को पकड़ा। पारंपरिक तौर पर इरुला जनजाति का मुख्य पेशा सांप पकड़ना रहा है। इरुला सपेरों और उनके अनुवादकों को दक्षिण भारत स्थित उनके घर से दक्षिण फ्लोरिडा बुलाने के लिए करीब 46 लाख रुपए की रकम अदा की गई।Weird News inextlive from Odd News Desk

Posted By: Prabha Punj Mishra