भारत श्रीलंका और बांग्‍लादेश के बीच 6 मार्च से टी-20 ट्राई सीरीज की शुरुआत हो रही है। क्रिकेट इतिहास में यह दूसरा मौका है जब यह तीनों टीमें एक साथ खेल रही है। इससे पहले इन तीनों की भिडंत 1990 में हुई थी और यह टीम बनी थी चैंपियन....


1990 में साथ खेलीं थीं तीनों टीमेंश्रीलंका देश की आजादी के 70 साल पूरे होने पर श्रीलंकन क्रिकेट बोर्ड ने निदाहास ट्रॉफी का आयोजन करवाया है। यह एक टी-20 ट्राई सीरीज है जिसमें भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच खिताबी भिडंत होगी। हालांकि इन तीनों के बीच यह पहली टी-20 ट्राई सीरीज है मगर एक बार इनके बीच 50-50 ओवर की त्रिकोणीय श्रंखला खेली जा चुकी है। साल 1990 की बात है, भारत में एशिया कप खेला जाना था जिसमें एशिया की सभी टीमों को हिस्सा लेना था मगर किसी वजह से पाकिस्तान इस टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं बन पाया और यह सीरीज सिर्फ तीन टीमों भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच ही खेली गई। श्रीलंका को उन्हीं के देश में भारत ने टी-20 में हमेशा दी मात, ऐसा है यह रोचक रिकॉर्डभारत को मिली थी एक जीत, और एक हार


इस टूर्नामेंट के सभी मैच भारत में आयोजित करवाए गए। तीनों टीमों को आपस में एक-एक मैच खेलना था। पहला मुकाबला भारत और बांग्लादेश के बीच चंडीगढ़ में हुआ। भारत ने यह मैच 9 विकेट से जीत लिया। इस मैच में जीत के हीरो रहे नवजोत सिंह सिद्धू जिन्होंने नाबाद 104 रन बनाए और टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचाया। पहला मैच जीतने के बाद भारत का दूसरा मुकाबला श्रीलंका से था। इस मैच में भारत को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। श्रीलंकन टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत को जीत के लिए 215 रन का आसान सा लक्ष्य दिया। मगर भारतीय बल्लेबाजों के फ्लॉप शो के कारण हम यह मैच 36 रन से हार गए। इसके बाद श्रीलंका ने अगले मैच में बांग्लादेश को भी 71 रन से पटखनी देकर फाइनल में जगह बना ली। चूंकि बांग्लादेश दोनों मैच हार चुका था ऐसे में वह फाइनल से बाहर हो गया और भारत एक जीत के चलते फाइनल में एंट्री कर गया।Nidahas Trophy : 20 साल पहले भारत के वो दो ओपनर बल्लेबाज, जिन्हें 45वें ओवर में आउट कर पाए थे श्रीलंकन गेंदबाजबेहत रोमांचक था फाइनल मुकाबला

कोलकाता के ईडन गार्डन में भारत और श्रीलंका के बीच फाइनल मैच खेला गया। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित ओवर में 204 रन बनाए। अब भारत को यह टूर्नामेंट जीतने के लिए 205 रन की दरकार थी। भारत की तरफ से रवि शास्त्री और नवजोत सिंह सिद्धू ओपनिंग करने आए। मगर यह जोड़ी ज्यादा देर तक क्रीज पर टिक नहीं सकी। शास्त्री (6) और सिद्धू (15) रन बनाकर पवेलियन लौट गए। अब भारत को जीत दिलाने की जिम्मेदारी संजय मांजरेकर और सचिन तेंदुलकर के कंधों पर आ गई। दोनों के बीच एक लंबी साझेदारी हुई, मगर सचिन 53 रन पर आउट हो गए फिर मो. अजहरुद्दीन ने मांजरेकर के साथ मिलकर भारत को जीत तक पहुंचा दिया। इस तरह भारत एशिया कप का विनर बन गया।वो 4 भारतीय क्रिकेटर जो एक दिन के लिए बने थे कप्तान, यह आया था मैच का परिणाम

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari