ये पढ़ेंगे तो नहीं खा पाएंगे अंडे !
* आज के दौर में एक मुर्गी को एक अंडे का उत्पादन करने में महज 36 घंटे का समय लगता है।
* करीब 300 मिलियन मुर्गियां आर्टीफिशीयल अंडों की मदद से अमेरिका में अंडों की बड़ी मांग को पूरा करती हैं।
* जिंदा मुर्गियों को इस दुनिया में यानी की अंडा इंडस्ट्री में लाते समय काफी तकलीफ होती है। उन्हें काफी दर्द सहना पड़ता है।
* मुर्गियों के बच्चों यानी कि चिकेंस को उनकी मां से अलग रखा जाता है।
* जन्म के बाद मुर्गा व मुर्गी को भी अलग अलग रखा जाता है।
* मुर्गियों को अंडे को जन्म देते समय काफी दर्दनाक प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
* मुर्गों को मौत के बाद ऐसे ही प्लास्िटक की तरह फेंक दिया जाता है।
* करीब 5 से 11 मुर्गियां इस बैटरी वाले पिजरें में एक साथ रखी जाती हैं।
* कम जगह में ज्यादा मुर्गियां होने से कई बार वे उसी में मर जाती हैं। जिससे वहां सड़ांध में ही दूसरी मुर्गियों को रहना पड़ता है।
* लगभग दो साल पक्षियों को सेवा सत्कार करने के बाद उन्हें कसाई घर में भेजा जाता है।
* मुर्गियों को करीब 18 दिन तक बिना पानी के अंधेरे में रखा जाता है। उन्हें काफी तकलीफ दी जाती है जिससे कि उनकी अंडा देने की प्रक्रिया काफी तेज हो जाए।
* अधिकांश मुर्गियों के अंडे एक साल के भीतर ही खत्म कर दिए जाते हैं।
* रोग नियंत्रण के लिए केंद्र के अनुसार करीब 10,000 में 1 अंडे साल्मोनेला से भरा होता है। जो नुकसानदेय होता है।
* अगर अभी भी अंडे खानें की इच्छा है तो एक स्थानीय खेत से कार्बनिक अंडे खरीदें। जहां पर मुर्गियां चारों ओर घूमने के लिए स्वतंत्र हैं और उन्हें एंटीबायोटिक दवाओं आदि से दूर रखा जाता है।