विघ्नहर्ता गणपति के 12 स्वरूप, जानें अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए किसका करें पूजन
भगवान गणेश के भक्त इन्हें अलग-अलग नामों से जानते हैं और उनके अलग-अलग स्वरूप की पूजा करते हैं। भिन्न-भिन्न जगहों पर भगवान गणेश के विभिन्न स्वरूपों की अराधना करते हैं। वैसे तो हिन्दू शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश के 12 स्वरूप हैं, लेकिन आज हम आपको बता रहें है कि किस उद्देश्य के लिए आपको गणपति के किस स्वरूप की पूजा करनी चाहिए।
महा गणेशश्रीगणेश के इस स्वरूप की पूजा करने से जीवन में आने वाली हर परेशानी का समाधान होता है। यह आपको सफलता भी दिलवाता है और जीवन के हर पड़ाव पर आपकी मदद भी करता है।इस स्वरुप की पूजा करने से आपको अच्छा स्वास्थ्य और सुखद भविष्य मिलता है। इस स्वरूप की व्याख्या की जाए तो उनके दो सिर और चार हाथ होते हैं। एक हाथ में उन्होंने माला, एक में मटकी, एक में किताब और एक में छड़ी पकड़ी है।
हेरंब गणपतिहेरंब गणपति आपके धन और संपत्ति की रक्षा करते हैं। वे शेर पर स्वार रहते हैं और इनके पांच सिर और दस हाथ होते हैं।वीर गणपतिइसे गणेश जी का पराक्रमी स्वरूप माना गया है, इस स्वरुप में गणेश जी ने अपनी सोलह भुजाओं में सोलह भिन्न-भिन्न प्रकार के हथियार थामे हैं। यह भी कहा जाता है वीर गणपति महिलाओं को बीमारियों से बचाते हैं।
करपग विनायगरअर्ध पद्मासन में बैठे दो हाथ वाला यह रूप आपकी हर मनोकामना पूर्ण करते हैं और आपके ऊपर धन की वर्षा करते हैं।गणेशनीहमारी मार्ग में आने वाली हर बाधा, हर परेशानी और हर बीमारी को दूर करते हैं ये गणपति। ये आपके दोष और पाप में संतुलन बनाते हैं और आपके जीवन में केवल अच्छे संबंधों के आने का ही मार्ग खोलते हैं।अपने इस स्वरूप में गणपति कलियुग के उन लोगों की सहायता करते हैं जो अपने अच्छे कर्मों के बावजूद, समस्याओं को झेल रहे हैं।
अलिंग नर्तन गणपतिइस स्वरूप में गजानन कलिंग नामक सांप के फन के ऊपर नृत्य कर रहे हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत दर्शाता हैं।-ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीपति त्रिपाठीअगर चाहते हैं धन अपार तो बुधवार को करें ये 6 उपाय, मां लक्ष्मी की होगी कृपाभारत से बाहर भी प्रथम पूज्य माने जाते हैं भगवान श्री गणेश