स्पेशल फोर्स का गठन देश के स्पेशल मिशन के लिए किया जाता है। दुनिया के कई देशों ने स्पेशल फोर्स को देश की सुरक्षा करने के लिए तैयार किया हैं। नेवी सील यूनाइटेड स्टेट की स्पेशल फोर्स है। नेवी सील ने ही पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन को उसी के घर में मार गिराया था। आज हम आप को दुनिया की 11 सबसे खतरनाक स्पेशल फोर्स के बारे मे बताने जा रहे हैं।
By: Prabha Punj Mishra
Updated Date: Tue, 02 Aug 2016 04:15 PM (IST)
2- स्पेशल सर्विस ग्रुप, एसएसजी - पाकिस्तानस्पेशल सर्विस ग्रुप यानी एसएसजी पाकिस्तान की स्पेशल फोर्स है। 12 घंटो में 36 मील और 50 मिनट में पांच मील की दौड़ लगाना इस फोर्स के लिए आम बात है। यह ग्रुप तब सामने आया जब आर्मी हेडक्वाटर्स में 36 लोगों को आतंकवादियो ने बंधी बना लिया था। एसएसजी का इंडो-पाक वॉर के साथ सोवियत अफगान युद्ध में भी हस्तक्षेप रहा है। पैन एएम 73 फ्लाइट जब हाईजेक हुई तब एसएसजी ने रेस्क्यू मिशन कर लोगों की जान बचाई थी। एसएसजी कमांडोज की एक और बहादुरी तब सामने आई जब अफगान स्कूल की एक बस हाईजेकर्स से उन्होंने सिर्फ 20 सेकेंड में ही छुड़ा ली थी। एसएसजी को 3 आतंकवादी मारने में सिर्फ कुछ सेकेंड का ही समय लगा था। 4- स्पेशल फोर्स यूएसए
यूएस की इस स्पेशल फोर्स को हरी टोपी वाली फोर्स के नाम से भी जाना जाता है। 60 के दशक में राष्ट्रपति कैनेडी द्वारा अनुरोध करने पर उनकी विशेषता सेवा टोपी की वजह से ग्रीन टोपियों के रूप में भी जाना जाता है। उनके आधिकारिक आदर्श वाक्य अत्याचार से पीड़ित आजाद कराने के लिए है। जबकि उनके प्रतीक चिन्ह एक कृपाण और तीन बिजली बोल्ट के साथ एक नोक भालू है। यूएस की इस स्पेशल फोर्स के सैनिक हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहते हैं। इस फोर्स मे स्नीफर्स की अहम भूमिका होती है जो पल भर में ही किसी को भी मार सकते हैं। यह ग्रुप सात हफ्तों तक यूएस की बेस्ट ट्रेनिंग लेता है। इस फोर्स का काम गठबंधन का समर्थन, मानवीय सहायता करना, शांति बहाल करना होता है। 6- ज्वाइंट फोर्स टास्क 2- कनाडाकनाडा की ज्वाइंट फोर्स टास्क 2 का अपना पिछले 23 सालों को इतिहास है। कुछ ही सालों मे इस ज्वाइंट फोर्स ने सैकड़ो ऑपरेशन को अंजाम दे डाला। उन्होंने बोस्निया में सर्बियाई बंदूकधारियों नीचे शिकार करने के लिए इराक में बचाव बंधकों से दुनिया के विभिन्न आकर्षण के केंद्र का एक हिस्सा रहा है। यह फोर्स अफगानिस्तान वॉर में भी मौजदू थी। इस फोर्स की ट्रेनिंग बहुत ही टफ होती है। इस फोर्स का आदर्श वाक्य है एक छुरी नहीं, एक हथौड़ा। ज्वाइंट फोर्स टास्क 2 ही उन्हें एक अनजाने छायादार आतंकवाद-विरोधी बल बना रहा है। यह विश्व स्तरीय अभिजात वर्ग दल अपने अति गोपनीय अभियान के बारे में अभी तक कुछ भी खुलासा नहीं हुआ है।
8- नेवी सील्स- यूएसएदो मिनट में मिनिमम 42 पुशअप्स और 50 सिट अप्स के साथ 11 मिनट में 1.5 मील की दौड़ यह उनके ट्रेनिंग से पहली की शुरुआत है। नेवी सील्स यूनाइटेड स्टेट्स की बेस्ट फोर्स है। ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए सील्स कामांडोज ही चुने गए थे और उन्होंने इस मिशन को बखूबी अंजाम भी दिया। सील्स पानी आकाश और जमीन तीनों पर लड़ सकती है। नेवी सील्स की आठ टीम्स हैं। उनके पास सील टीम 6 भी है पर उसका कोई नंबर नही है। इस फोर्स को टेक्नॉलजी से लेकर बेहतरीन हथियार दुश्मन के छक्के छुड़ाने के लिए दिए जाते हैं।
10- अल्फा ग्रुप- रसिया
रसिया की स्पेशल फोर्स का अल्फा ग्रुप के नाम से जाना जाता है। यह फोर्स बहुत ही कट्टर और दुश्मन के लिए निर्दई मानी जाती है। इस टास्क फोर्स को बाहरी शक्तियों खिलाफ लड़ने के लिए 1970 में तैयार किया गया था। यह अपने आप में बहुत ही खतरनाक फोर्स है। यह फोर्स पहली बार अफगानिस्तान में नजर आई थी। अल्फा फोर्स को अपने विरोधी के प्रति निर्दई और आक्रमक बनने के लिए जाना जाता है। इस फोर्स की ऑपरेशन करने की अपनी अलग स्ट्रेटजी होती है। इस यूनिट को स्पेट्स ग्रुप ए के नाम से भी जाना जाता है। 2002 में मास्को में बंदी बनाए गए लोगों को छुड़ाने में फोर्स का विशेष योगदान था। अल्फा ग्रुप में आतंकियो को मारने के लिए कैमिकल गैस का प्रयोग किया था जिन्होंने 129 बंदियो को मौत के घाट उतरा दिया था।
11- पुलिस ग्रोमपुलिस ग्रोम पॉलेंड की स्पेशल फोर्स है। यह स्पेशल फोर्स एक काउंटर टेरेरिज्म यूनिट है। ग्रोम का अर्थ होता है थंडरबोल्ट जो इस फोर्स की काबीलियत बताता है। यह एक बहुत खतरनाक फोर्स है। यह ब्रिटिश स्पेशल फोर्स एसएएस की तरह है। इस फोर्स को आतंकवाद के खत्मे के लिए तैयार किया गया है। यह फोर्स समय-समय पर यूएसए की स्पेशल फोर्स सील्स के साथ भी मिशन करती है। ऐसी अफवाहें है कि इस फोर्स ने सील्स को स्पेशल ट्रेनिंग आइडिया दिए हैं। ग्रोम फोर्स में 270 से 300 सैनिक है। हर सैनिक को ग्रूलिंग सीरीज पास करनी होती है। इस फोर्स में आने के लिए फिजिकल और साइकोलॉजिकल टेस्ट और ट्रुथ टेस्ट से गुजरना पड़ता है।
Posted By: Prabha Punj Mishra