ज्‍यादातर लोग आज के दौर में अपनी कंपनी खोलने का सपना पालते हैं लेकिन कम ही इसमें सफल हो पाते हैं। हालांकि इसके पीछे वजह ये नहीं कि कंपनी खोलना और बॉस बनना काफी ट्रिपिकल है बल्‍कि वजह ये है कि लोगों को इसके बेसिक रूल्‍स और प्रासेस की जानकारी नहीं होती है। जिसकी वजह से उनका अपना कारोबार करने का व उसे बढ़ाने का सपना अधूरा रह जाता है। ऐसे में अगर आप भी अपनी कंपनी खोलना चाहते हैं तो जानें इसकी पूरी प्रक्रिया...


रजिस्ट्रेशन: सबसे पहले रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है। आजकल तो यह प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाने से काफी आसान हो गई है, लेकिन अभी भी किसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रजिस्ट्रेशन के लिए दो सप्ताह का समय लगता है। रजिस्ट्रेशन फॉर्म ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनो तरीके से जमा कर सकते हैं।अट्रैक्टिव नाम: सबसे खास बात ये है कि कंपनी का नाम अट्रैक्टिव होना चाहिए। साथ ही संबंधित डॉक्यूमेंट को रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होते ही जमा कराना चाहिए, ताकि कंपनी को रजिस्टर्ड होने में ज्यादा समय नहीं लगे। एक कंपनी खोलने में कम से कम दो और अधिक से अधिक 15 सदस्य इसमें जुड़े होने चाहिए। दो शेयर होल्डर:
प्राइवेट लिमिटेड में कम से कम दो डायरेक्टर और अधिक से अधिक 15 डायरेक्टर और कम से कम 2 शेयर होल्डर्स होना जरूरी है। इसके अलावा कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय (एमसीए) की परमीशन के बाद 200 शेयर होल्डर्स भी रखे जा सकते हैं।18 साल उम्र:


किसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर बनने के लिए आवेदक उम्र मिनिमम 18 साल से कम नही होनी चाहिए। डिग्री की रिक्वायमेंट न होने से एक साधारण व्यक्ति भी डायरेक्टर बन सकता है। सबसे खास बात तो यह है कि विदेशी नागरिक भी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का डायरेक्टर बन सकता है।जगह का चुनाव: कंपनी शुरू करने के लिए सरकार को फीस के तौर पर कम से कम 1 लाख रुपये शेयर के रूप में देना अनिवार्य है। इसके अलावा कंपनी शुरू करने के लिए एक जगह की आवश्यकता होती है, जहां से कंपनी का संचालन होता है। यह जगह कमर्शियल, इंडस्ट्रियल और रेजिडेंशियल एरिया के अंदर भी हो सकती है। ये जरूरी डाक्यूमेंट: कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराते समय पहचान पत्र, पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ, आइडेंटी कार्ड, वोटर आईडी, आदि होना जरूरी है। कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सबसे पहले आपको फॉर्म आईएनसी-29 भरकर जरूरी डॉक्यूमेंट के साथ रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के ऑफिस में जमा कराना जरूरी होता है। बेसिक- फास्ट ट्रैककंपनी को रजिस्टर्ड कराने के लिए फीस पैकेज भी बने हैं जिनमें पहला पैकेज बेसिक फास्ट ट्रैक 15899 रुपये का है। इसमें सभी जरूरी फीस भी शामिल है। इसमें 2 डीएससी, 2 डीआईएन, एमओए, एओए, नाम की स्वीकृति, पैन, टैन और सरकारी फीस भी शामिल हैं। स्टैन्डर्ड- फास्ट ट्रैक

स्टैन्डर्ड फास्ट ट्रैक पैकेज 19,899 रुपये का है। इसमें अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर सेटअप, शेयर सर्टिफिकेट और कंपनी फोल्डर आदि शामिल हैं। इसके बाद आप अपने आप बिजनेस सलाहकार से बात करके अपनी कंपनी के रजिस्ट्रेशन का काम शुरू कर सकते हैं।प्रीमियम- फास्ट ट्रैकप्रीमियम फास्ट ट्रैक पैकेज 5899 रुपये का बना है। इसमें अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर, शेयर सर्टिफिकेट, कंपनी फोल्डर और ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन शामिल हैं। सेफ रखें डाक्यूमेंट: नई कंपनी खोलने के बाद करीब 1 साल तक समय समय पर आप रजिस्ट्रेशन कार्यालय से संपर्क रखें। इस दौरान किसी नए बदलाव की जानकारी रहेगी। इसके अलावा अपने इंप्लाई भर्ती और प्रोडॅक्ट आदि के सभी जरूरी डाक्यूमेंट सुरक्षित रखें।

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Posted By: Shweta Mishra