जानें क्यों आम बजट से अलग पेश होता है रेल बजट...
रेलवे का सिस्टम:
ईस्ट इंडिया रेलवे कमेटीके चेयरमैन सर विलियम एक्वर्थ ने पहली बार 1921 में पूरे रेलवे को एक बेहतर मैनेजमेंट सिस्टम में लाए थे। इसके बाद उन्होंने 1924 में इसे आम बजट से अलग पेश करने का फैसला किया।
70 फीसदी हिस्सेदारी:
1924 में आम बजट में रेल बजट की हिस्सेदारी करीब 70 फीसदी थी। जिससे इतनी बड़ी हिस्सेदारी को देखकर ही इसे आम बजट से अलग करने का विलियम के प्रस्ताव को आसानी से स्वीकार लिया गया।
पब्िलक ट्रांसपोर्ट में:
आम बजट में रेल बजट की इतनी बड़ी हिस्सेदारी के पीछे मुख्य कारण पब्लिक ट्रांसपोर्ट में 75 फीसदी रेलवे की भागीदारी होती थी। इसके अलावा माल ढुलाई में 90 फीसदी तक का योगदान होता था।
44 प्रतिशत कर्मचारी:
आज भी रेलवे की काफी बड़ी हिस्सेदारी है। साल 2009 के अखिल भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा एसोसिएशन ने इसके कर्मचरियों का आकंड़ा तैयार किया था। जिसमें केंद्र सरकार के अंडर में करीब 44 प्रतिशत कर्मचारी तो रेलवे मंत्रालय के ही आते हैं।
रेवेन्यू बढ़ता ही जा रहा:
भारतीय रेलवे ने वर्ष 2013-14 में 23 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू अर्जित किया। जिसमें से करीब 2.5 बिलियन डॉलर का उसे प्रॉफिट हुआ। रेलवे का क्षेत्र दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है।
23 मिलयन यात्री रोज:
रेलवे में लगभग हर साल करीब 23 मिलियन यात्री हर डेली यात्रा करते हैं। एक पूर्ण अनुसंधान एवं विकास विभाग, अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ), डिजाइन और मानकीकरण कार्य सब लखनऊ में ही किए जाते हैं।
नेटवर्क काफी बड़ा हुआ:
रेलवे का नेटवर्क काफी बड़ा है। करीब 115,000 किमी के ट्रैक बनाए जा चुके हैं। जिनमें करीब 65,000 से अधिक किलोमीटर के मार्ग शामिल हो चु के हैं। देश भर में करीब 7,172 स्टेशन और जिनपर हर दिन करीब 12,617 पैसेंजर ट्रेन और 7421 माल गाड़िया दौड़ती हैं।
विस्तार अब तेजी से:
यह तो सच है कि आजादी से पहले रेलवे का विकास काफी धीमा था। उस समय करीब 12,000 किमी मार्ग ही इसमें जोड़े गए। जिससे आजादी के बाद तक यह केवल 53,000 किलोमीटर हुए थे।
उत्पादन भी खुद करता:
यह अपने उत्पादन और विकास पर भी अमल करता है। यह देश के लिए लगभग एक तिहाई माल का भार वहन करता है। उत्पादन सुविधाओं में जैसे इंजन और डिब्बों के रोलिंग उत्पादन जैसी चीजें सब सीधे रेल मंत्रालय के तहत आते हैं।
14 सहायक उपक्रम:
भारतीय रेलवे के अंडर में करीब 14 अन्य सहायक उपक्रम शामिल हैं। भारत कंटेनर निगम लिमिटेड (कॉनकोर) और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) इन 14 उपक्रमों में से ही हैं।