इन 10 दिव्यांगों की कहानी जानकर कभी हार नहीं मानेंगे आप
2. Helen Keller :
हेलन केलर अमेरिका की मशहूर लेखक और एक्टीविस्ट थीं। हेलन केलर जन्म से अंधी और बहरी थीं। इसके बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। हेलन पहली अंधी और बहरी महिला थीं जिन्होंने आर्ट्स में बैचलर डिग्री हासिल की थी।
4. Christy Brown :
क्रिस्ट्री ब्राउन महान आइरिश लेखक थे। क्रिस्ट्री मस्तिष्क पक्षाघात (cerebral palsy) से ग्रसित थे। इसके बावजूद क्रिस्ट्री ने लिखना नहीं छोड़ा। वह पैरों से टाइप किया करते थे। यही नहीं क्रिस्ट्री को ऑटोबॉयोग्रॉफी 'My Left Foot' के लिए भी काफी सराहा जाता है।
6. Vincent van Gough :
विन्सेंट वैन एक महान पेंटर थे। उनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स लोगों के दिमाग से उतरनी नहीं थी। हालांकि जिंदगी के आखिरी पडाव में उनका दिमाग कमजोर होने लगा और वह डिप्रेशन में चले गए थे। इसके बावजूद उनका पेंटिंग्स बनाने का शौक कम नहीं हुआ।
8. Frida Kahlo :
अक्सर आपने किसी दूसरे की पेंटिंग या पोट्रेट बनते देखा होगा। लेकिन मैक्िसको में रहने वाली महान चित्रकार फ्रीडा काहलो को अपनी पोट्रेट बनाने में महारत हासिल थी। वैसे आपको बता दें कि फ्रीडा पोलियो से पीड़ित थीं। फिर भी उनका पेंटिंग करने का शौक खत्म नहीं हुआ।
10. Sudha Chandran :
सुधा चंद्रन इंडियन एक्ट्रेस और क्लॉसिकल डांसर हैं। सुधा का जन्म केरल में हुआ था। वह जब 16 साल की थीं, तब एक दुर्घटना का शिकार हो गईं थी। डॉक्टर्स ने पैर का ऑपरेशन किया लेकिन घाव पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाए। जो बाद में इंफेक्शन का कारण बना और सुधा को अपना एक पैर खोना पड़ा। सुधा ने इसे अपनी कमजोरी नहीं माना और नकली पैर की बदौलत एक बेहतरीन डांसर बनकर उभरीं।