गीता के वे 10 उपदेश, जिन्हें अपनाकर जी सकते हैं तनाव मुक्त जीवन
कुरुक्षेत्र के रण में भगवान श्रीकृष्ण ने जो गीता का ज्ञान अर्जुन को दिया था वह संदेश पूरे मानव जाति के लिए उपयोगी है। अगर हम श्रीमद्भगवत गीता के कुछ ज्ञान को हम अपने जीवन में आत्मसात करें तो कई कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी। आप तनाव रहित जीवन का निर्वाह कर पाएंगे।
ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीपति त्रिपाठी से गीता के उन 10 उपदेशों के बारे में जानते हैं, जो सभी को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।वर्तमान का आनंद लो1. बीते कल और आने वाले कल की चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जो होना है वही होगा। जो होता है, अच्छा ही होता है, इसलिए वर्तमान का आनंद लो।आत्मभाव में रहना ही मुक्ति2. नाम, पद, प्रतिष्ठा, संप्रदाय, धर्म, स्त्री या पुरुष हम नहीं हैं और न यह शरीर हम हैं। ये शरीर अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश से बना है और इसी में मिल जाएगा। लेकिन आत्मा स्थिर है और हम आत्मा हैं। आत्मा कभी न मरती है, न इसका जन्म है और न मृत्यु! आत्मभाव में रहना ही मुक्ति है।
यहां सब बदलता है3. परिवर्तन संसार का नियम है। यहां सब बदलता रहता है। इसलिए सुख-दुःख, लाभ-हानि, जय-पराजय, मान-अपमान आदि में भेदों में एक भाव में स्थित रहकर हम जीवन का आनंद ले सकते हैं।
क्रोध शत्रु है4. अपने क्रोध पर काबू रखें। क्रोध से भ्रम पैदा होता है और भ्रम से बुद्धि विचलित होती है। इससे स्मृति का नाश होता है और इस प्रकार व्यक्ति का पतन होने लगता है। क्रोध, कामवासना और भय ये हमारे शत्रु हैं।ईश्वर के प्रति समर्पण5. अपने को भगवान के लिए अर्पित कर दो। फिर वो हमारी रक्षा करेगा और हम दुःख, भय, चिन्ता, शोक और बंधन से मुक्त हो जाएंगे।नजरिए को शुद्ध करें6. हमें अपने देखने के नजरिए को शुद्ध करना होगा और ज्ञान व कर्म को एक रूप में देखना होगा, जिससे हमारा नजरिया बदल जाएगा।मन को शांत रखें7. अशांत मन को शांत करने के लिए अभ्यास और वैराग्य को पक्का करते जाओ, अन्यथा अनियंत्रित मन हमारा शत्रु बन जाएगा।कर्म से पहले विचार करें8. हम जो भी कर्म करते हैं उसका फल हमें ही भोगना पड़ता है। इसलिए कर्म करने से पहले विचार कर लेना चाहिए।अपना काम करें
9. कोई और काम पूर्णता से करने से कहीं अच्छा है कि हम अपना ही काम करें। भले वह अपूर्ण क्यों न हो।
समता का भाव रखें
10. सभी के प्रति समता का भाव, सभी कर्मों में कुशलता और दुःख रूपी संसार से वियोग का नाम योग है।कान्हा का इस कारण से नाम पड़ा श्रीकृष्ण, जानें एकांत में क्यों हुआ था नामकरणयोगबल से हुआ था श्रीकृष्ण का जन्म, जानें मुकुट पर लगे मोर-पंख का रहस्य