दुनिया की बड़ी बैंको में गिना जाने वाला भारतीय रिजर्व बैंक आज देश की अर्थव्यवस्था को नियन्त्रित करने में अहम भूमिका निभा रहा है। यह देश भर के सभी बैंकिंग सिस्‍टम्‍स को रेगुलेट करता है। इसके अलावा करेंसी से लेकर इंटरेस्‍ट के क्षेत्र में भी इसका अहम रोल हैं। यह विदेशों तक में काम कर चुका है। इसीलिए इसे बैंकों का बैंक कहा जाता है। ऐसे में आइए जानें भारतीय रिजर्व यानी की आरबीआई से जुड़ी ये 10 खास बातें...

स्थापना हुई:
भारतीय रिज़र्व बैंक कार्यालय की स्थापना कोलकाता में हुई थी। 1 अप्रैल 1935 को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 के प्रावधानों के अनुसार यह स्थापित हुई थी।
लोगो मैच करता:
कम लोगों को पता है कि भारतीय रिजर्व बैंक का लोगो ईस्ट इंडिया कंपनी से काफी हद तक मिलता-जुलता था। जिसके चलते इसके लोगों में बाद में बदलाव किया गया है।

पाक और म्यांमार में:
आरबीआई पाकिस्तान और म्यांमार में भी सेंट्रल बैंक की भूमिका निभा चुका है। पाकिस्तान में 1948 और म्यांमार में 1947 में उसने वहां काम काज संभाला था।

हर 4 साल में गठन:
आरबीआई का कामकाज केन्द्रीय निदेशक बोर्ड के निर्देशन में होता है। भारतीय रिज़र्व अधिनियम के अनुसार इस बोर्ड का गठन भारत सरकार हर 4 साल में करती है।
फाइनेंशियल ईयर अलग:
आरबीआई का फाइनेंशियल ईयर देश के फाइनेंशियल ईयर से अलग है। बैंक का 1 जुलाई से 30 जून की अवधि और भारत का 1 अप्रैल से 31 मार्च तक का होता है।

नोटों की छपाई:
देश की करेंसी के मामले में सिर्फ भारतीय रिजर्व बैंक सिर्फ नोटों की छपाई करता है। जबकि सिक्कों को ढलाने का काम भारत सरकार के आधीन संचालित किया जाता है।
प्रमुख खाते रखता:
बैंकों का बैंक कहा जाने वाला भारतीय रिज़र्व बैंक अपने केन्द्रीय लेखा अनुभाग, नागपुर में केन्द्र और राज्य सरकारों के प्रमुख खातें रखता है। यही से सारे कार्य करता है।

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Posted By: Shweta Mishra