बॉलीवुड के मशहूर फ़िल्मकार दिबाकर बैनर्जी और जाने-माने डॉक्यूमेंट्री मेकर आनंद पटवर्धन ने अपने नेशनल अवार्ड लौटा दिए हैं।


बुधवार दोपहर एफ़टीआईआई के छात्रों ने हड़ताल वापस ले ली थी। हालांकि कहा था कि गजेंद्र चौहान को संस्थान का निदेशक बनने से शुरू हुआ विरोध जारी रहेगा।बुधवार शाम ही दिबाकर और आनंद ने अपने नेशनल अवार्ड वापस करने का ऐलान कर दिया।इससे पहले दादरी हत्याकांड और देश में बढ़ती असहिष्णुता के ख़िलाफ़ कई जाने माने साहित्यकार अपने साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस कर चुके हैं। कुछ ने अपने सरकारी पद भी छोड़े हैं।दिबाकर बैनर्जी ने कहा कि जब किसी इंजीनियरिंग संस्थान में ऐसा होता है जैसा कि एफ़टीआईआई में हो रहा है तो दुनिया की सारी इंजीनियरिंग कंपनियां छात्रों के साथ खड़ी हो जाती हैं।उन्होंने कहा कि एफ़टीआईआई छात्रों के हड़ताल ख़त्म करने से यह मुद्दा ख़त्म नहीं हो जाएगा।आनंद पटवर्धन ने कहा कि वह आज देश में हो रही घटनाओं से आहत हैं।


दिबाकर बैनर्जी ने कहा कि वह साधारण नागरिक हैं, किसी आधिकारिक पद या स्थिति में नहीं हैं इसलिए वह सिर्फ़ प्रार्थना कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, "मुझे देश ने एक सम्मान दिया है इसलिए मुझे लगता है कि अगर मैं कुछ कहूं तो हो सकता है कि लोग मेरी बात सुनें। लेकिन अगर कोई मेरी बात नहीं सुनता तो मेरे लिए यह सम्मान व्यर्थ है।"

Posted By: Satyendra Kumar Singh