विरोध जताने या ग़ुस्सा दिखाने के लिए नेताओं पर चप्पल-जूता फेंकने या उछालने के मामले दुनिया भर में होते रहे हैं.
एक नज़र ऐसे ही दस ख़ास मामलों पर.
पत्रकार का जूता
दिसंबर 2008 में अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश पर एक पत्रकार वार्ता के दौरान जूता फेंका गया.
उसके बाद ये चलन दुनिया भर में फैल गया. जॉर्ज बुश पर एक के बाद एक अपने दोनों जूते फेंकने वाले मुंतज़र अल ज़ैदी अरब देशों में हीरो बन गए थे.
इस घटना के अगले ही वर्ष यानी फ़रवरी 2009 में लंदन के दौरे पर पहुँचे चीनी राष्ट्रपति वेन जियाबाओ पर एक जर्मन छात्र ने कैंब्रिज विश्वविद्यालय में जूता फेंका.
आडवाणी पर चप्पल
वर्ष 2009 में ही महीने में कांग्रेस नेता नवीन जिंदल पर जूता फेंका गया. जूता फेंकने वाला एक टीचर था.
उसी साल भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी की तरफ एक पार्टी कार्यकर्ता ने चप्पल उछाली थी.
एक पत्रकार ने तत्कालीन केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम पर जूता उछाला था
अप्रैल 2009 में ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार ने तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम पर जूता फेंका था. यह जूता उनके बगल में गिरा.
अप्रैल 2009 में ही एक रैली के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तरफ जूता उछाला गया.
28 अप्रैल 2009 को हासन ज़िले में भारतीय जनता पार्टी की रैली में कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा पर चप्पल फेंकी गई थी. चप्पल फेंकने वाले को हमला करने के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया गया था.
मुशर्रफ़ पर जूता
सात अगस्त 2010 को पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी की बर्मिंघम यात्रा के दौरान सरदार शमीम ख़ान नाम के एक 50 वर्षीय व्यक्ति ने उन पर एक जोड़ी जूते फेंके और उन्हें 'हत्यारा' कहा.
छह फ़रवरी 2010 को लंदन में पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ पर एक आदमी ने जूता फेंका.
पंद्रह अगस्त 2014 को लुधियाना में एक राजनीतिक कॉन्फ्रेंस में पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की ओर एक बेरोज़गार युवक विक्रम सिंह ने कथित रूप से जूता उछाला.
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