तभी उनके स्टार खिलाड़ी लियोनेल मैसी की एक ज़ोरदार किक ईरान के गोल पोस्ट में झूल गई और अर्जेंटीना के लाखों प्रशंसकों ने राहत की सांस ली.
इंजरी टाइम में किए गए इस गोल के बाद पूरे स्टेडियम में मैसी-मैसी का शोर गूंजने लगा.
फ़ुटबॉल विशेषज्ञ नोवी कपाड़िया कहते हैं, "मैसी ने दिखा दिया कि क्यों उन्हें जीनियस कहा जाता है. तीन-चार खिलाड़ियों से घिरे रहने के बाद भी उन्होंने छोटे से गेप से जिस तरह से गेंद को निकाला, वैसा मैसी ही कर सकते हैं. और कोई नहीं."
वर्ना पूरे मैच में ईरान ने मैसी की टीम को नाकों चने चबवा दिए.
हारते-हारते बचा अर्जेंटीना
अर्जेंटीना ये मैच हार भी सकता था अगर ईरान के एसकाने दिजागाह के ज़बरदस्त हेडर का अर्जेंटीना के गोलकीपर सर्गियो रोमेरो ने बेहतरीन बचाव ना किया होता.
मैच शुरू होने से पहले विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की थी कि अर्जेंटीना के लिए ये मैच जीतना बेहद आसान होगा.
लेकिन ईरान की मज़बूत रक्षा पंक्ति ने अर्जेंटीना के हर आक्रमण को विफल किया.
हालांकि मैच के दौरान 77 फ़ीसदी टाइम गेंद अर्जेंटीना के कब्ज़े में थी और दोनों हाफ़ में उनके पास गोल करने के कई मौक़े भी आए लेकिन ऐन मौकों पर अर्जेंटीना की टीम कई बार चूकी और इन मौकों को गंवाया.
ऐन मौकों पर हड़बड़ाहट
ख़ुद मैसी ने गोल करने के एक दो मौके गंवाए. ईरानी गोल पोस्ट के पास पहुंचकर गोल करने की हड़बड़ाहट ने अर्जेंटीना की कमज़ोरी उजागर की.
अपने पहले मैच में भी अर्जेंटीना को बोस्निया हरजेगोविना से जीतने में पसीना आ गया था.
अर्जेंटीना दो मैचों में दो जीत के साथ अंतिम 16 में तो पहुंच चुका है लेकिन अब यहां से आगे बढ़ने के लिए उसे अपने खेल का स्तर बहुत उठाना पड़ेगा.
नोवी कपाड़िया कहते हैं, "अर्जेंटीना की टीम लियोनेल मैसी पर पूरी तरह से निर्भर है. लेकिन जैसे ईरान ने उन्हें इस मैच में घेर कर रखा वही रणनीति दूसरी टीमें भी बना सकती हैं. इसलिए मैसी ही नहीं बाकी खिलाड़ियों को भी चलना पड़ेगा. वर्ना टूर्नामेंट की दूसरी फ़ेवरेट टीमें, अर्जेंटीना के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं."
ख़ुद अर्जेंटीना के स्टार खिलाड़ी रह चुके डिएगो माराडोना ने बोस्निया के ख़िलाफ़ मैच में अपनी टीम के प्रदर्शन की आलोचना की थी.
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