कोर्ट ने अपने फैसले में सही ठहराया
यहां पर एक संघीय अपीली अदालत ने व्यवस्था दी है कि सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर लाइक पर क्लिक करना संवैधानिक रूप से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है.
रिचमंड में चतुर्थ अमेरिकी सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स ने बुधवार को निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए यह व्यवस्था दी.निचली अदालत ने कहा था कि फेसबुक पेज पर लाइक करना संवैधानिक संरक्षण के योग्य अभिव्यक्ति नहीं है.
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं
दरअसल,छह लोगों ने आरोप लगाया था कि 2009 में हैंपटन शेरिफ बीजे रोर्बट ने उन्हें उनके प्रतिद्वंद्वी को फेसबुक पर लाइक करने के कारण नौकरी से निकाल दिया था.कर्मचारियों ने अपनी याचिका में कहा कि उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन किया गया है.जबकि रॉर्बट का कहना है कि कर्मचारियों को उनके खराब प्रदर्शन के कारण हटाया गया.
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