मुंबई (पीटीआई)। भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के कर्मचारी संघ ने एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचने के सरकार के कदम के विरोध में मंगलवार को एक घंटे की वॉक-आउट स्ट्राइक की। वॉक-आउट पूरे देश में बीमा के सभी कार्यालयों में हुआ। बता दें कि वित्त मंत्री सीतारमण ने शनिवार को बजट पेश करने के दौरान घोषणा की कि एलआईसी में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली सरकार, इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) के जरिए अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेचेगी।
3000 कर्मचारियों ने किया वाक आउट स्ट्राइक
बता दें कि सरकार के इस फैसले के विरोध में एलआईसी के लगभग 3,000 कर्मचारियों ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में मंगलवार को एक घंटे की स्ट्राइक की। अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ ने स्ट्राइक के बाद अपने बयान में कहा, 'हमने सोमवार को सभी आठ पूर्वोत्तर राज्यों में एलआईसी कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन आयोजित किए। आज (मंगलवार) हमने एक घंटे का वॉक आउट की। अगर केंद्र सरकार अपने फैसले पर अडिग रही, तो तीनों आंदोलनकारी कर्मचारी संगठन भविष्य में कार्रवाई का फैसला करने के लिए एक साथ बैठेंगे।
कर्मचारी संघ ने पहले ही कर दी थी स्ट्राइक की घोषणा
कर्मचारी संघ ने पहले अपने बयान में कहा था, 'एलआईसी को सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव पर तत्काल प्रतिक्रिया के रूप में, ऑल इंडिया एलआईसी कर्मचारी महासंघ 4 फरवरी को एक घंटे की वॉक-आउट स्ट्राइक करेगा। एलआईसी को सूचीबद्ध करना राष्ट्रीय हित के विरुद्ध है क्योंकि यह सालों से राष्ट्र निर्माण गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।' 5 करोड़ रुपये के कैपिटल बेस पर, यूनियन ने कहा कि एलआईसी का वैल्यूएशन सरप्लस 53,211.91 करोड़ रुपये था, लाइफ फंड 28.28 लाख करोड़ रुपये पर खड़ा था, वित्त वर्ष 19 के अंत में प्रबंधन के तहत 31.11 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति थी। कर्मचारी संघ ने आगे कहा, 'देश के सबसे बड़े वित्तीय संस्थानों में से एक होने के नाते, एलआईसी को निजीकरण करने का कोई भी कदम आम आदमी के विश्वास को हिला देगा और हमारी वित्तीय संप्रभुता के लिए एक संघर्ष होगा। सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को उचित मूल्य पर बीमा कवरेज प्रदान करने के लिए एलआईसी का उद्देश्य पराजित होगा।'
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