लेक्सस ने अब एक ख़ास तरह के कार्डबोर्ड वाली इलेक्ट्रिक कार बनाई है। लेक्सस ने इसके लिए ब्रिटेन स्थित लेज़रकट वर्क्स और स्केल्स एंड मॉडल्स के पांच डिज़ाइनरों की टीम को कार्डबोर्ड वाली कार बनाने की ज़िम्मेदारी सौंपी।
इस टीम की मदद पैकेजिंग मैटेरियल बनाने के विशेषज्ञ डीएस स्मिथ ने की। उनकी सलाह के बाद टीम ने ये ख़ास कार तैयार कर दी है।
कार्डबोर्ड से बनी ये कार फ़ुल साइज़ की सेडान की रेप्लिका दिखती है, लेकिन पूरी तरह से काम में आ सकती है।
इस कार को बनाने में स्टील और एल्यूमिनियम के फ्रेम का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा लेज़र से कटे हुए 1700 कंप्रेसेड (बाहरी दबाव डालकर ठोस बनाने की प्रक्रिया) गत्ते वाले कार्डबोर्ड का इस्तेमाल किया गया है, जिसे पूरी तरह से रिसाइकल किया जा सकता है।
इस कार का अपना शानदार इंटीरियर है, काम में आने लायक दरवाज़े हैं. एकदम चलने, बुझने वाली हेडलाइट है और तेज़ी से भागने वाले चक्के भी हैं।
इतना ही नहीं कार में इलेक्ट्रिक मोटर भी लगी हुई है। वैसे ये कार्ड बोर्ड का बना बक्सा भर नहीं है, बल्कि पूरी तरह चलाने लायक इलेक्ट्रिक कार है।
डिजिटल 3डी तकनीक के जरिए मूल रूप से टीम ने कार बनाने की प्रक्रिया को कई भागों में विभक्त किया है- मुख्य बॉडी, डैशबोर्ड, सीट्स, व्हील्स और काफ़ी कुछ और...
इसके बाद कार के सभी हिस्सों को डिजटली 10 मिलीमीटर मोटे फांकों में विभक्त किया गया। इन आंकड़ों को लेज़र कटर में फीड किया गया। इसके बाद कार को बनाने में इस्तेमाल किए गए 1700 कार्ड बोर्ड को काटा गया। इन सबको ख़ास अलग अलग नंबर दिए गए।
इन कार्ड बोर्ड को एक ख़ास तरह के वुड ग्लू से जोड़ा जाता है। इस तरह से कार को तैयार करने में छह महीने का वक्त लगता है।
हालांकि इस तरह से कार को बनाने में कुछ मुश्किलें भी आईं। स्केल्स एंड मॉडल्स कंपनी के संस्थापक और निदेशक रुबेन मार्कोस ने कहा, "सीट्स को बनाने में कई बार कोशिश करनी पड़ी और चक्के को बनाने में कई बार चीज़ों को फ़ाइन ट्यून करना पड़ा।"
मार्कोस ने कहा, "अब जब कार ने आकार ले लिया है तो हम इसमें आगे भी सुधार कर सकते हैं। हर उत्पाद की तरह इसमें भी ट्रायल और एरर की जगह होगी। लेकिन हमने इसे इन हाउस संसाधनों से ही तैयार किया है. इसमें आसानी से बदलाव और सुधार संभव हैं।"
लेक्सस ने अपने इस कार को बर्मिंघम के ग्रैंड डिज़ाइन लाइव में आधिकारिक तौर पर पेश किया है।