रूस ने कहा कि अब वो अमरीकी सेना को उसके अंतरिक्ष अभियानों के लिए रूस में निर्मित रॉकेट इंजनों का इस्तेमाल नहीं करने देगा.

रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री रोगोज़िन के मुताबिक यूक्रेन के मुद्दे पर अमरीका ने रूस पर जो ताज़ा प्रतिबंध लगाए हैं उसकी वजह से ये फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि रूस को डर है कि कहीं इन इंजनों का इस्तेमाल सैन्य मक़सद के लिए न हो.

रूस के उप प्रधानमंत्री रोगोज़िन ने कहा, "अब से जब तक हमें इस बात की गारंटी नहीं मिलेगी कि हमारे इंजनों का इस्तेमाल सिर्फ़ असैनिक मक़सदों के लिए होगा, तब तक हम अमरीका को ये इंजन नहीं देंगे. साथ ही जो इंजन पहले ही अमरीका भेजे जा चुके हैं, हम उनके रख-रखाव का काम भी नहीं कर पाएंगे."

रूसी इंजनों का विकल्प नहीं

अमरीकी रक्षा मंत्री चक हेगल पहले ही पेंटागन से रूसी रॉकेट इंजनों पर निर्भरता कम करने को कह चुके हैं लेकिन पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने हाल ही में कहा था कि फ़िलहाल रूसी इंजनों का कोई स्पष्ट विकल्प नहीं है.

रूसी उप प्रधानमंत्री ने ये भी कहा है कि रूस, वर्ष 2020 के बाद अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का इस्तेमाल जारी नहीं रखेगा. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन या आईएसएस का संचालन अमरीका, रूस और कई अन्य देश मिलकर करते हैं और ये साल 1998 से अंतरिक्ष में है.

उधर यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि पूर्वी दोनेत्स्क प्रांत में क्रामाटोर्स्क के नज़दीक अलगाववादियों के हमले में सात सैनिकों की मौत हो गई है. मंत्रालय के मुताबिक़ कम से कम तीस चरमपंथियों ने घात लगाकर ग्रेनेड लॉन्चरों और स्वचालित हथियारों से हमला किया जिसमें कई अन्य सैनिक घायल भी हुए हैं.

प्रांतों की अलग-अलग राय

यूक्रेन के मुद्दे पर अमरीका-रूस की तकरार बढ़ी

दोनेत्स्क और एक अन्य पूर्वी प्रांत, लुहांस्क ने रविवार को जनमत संग्रह के बाद यूक्रेन से अलग होने की घोषणा की थी. सोमवार को दोनेत्स्क के रूस समर्थक अलगाववादियों ने कहा था कि इलाके में मौजूद सभी यूक्रेनी सुरक्षा बलों को दुश्मन की तरह देखा जाएगा और उन्हें वहां से चले जाना चाहिए.

दोनेत्स्क के अलगाववादी नेता डेनिस पुशिलिन ने रूस से प्रांत को रूस में शामिल करने की बात भी कही थी.

इस बीच लुहांस्क में अलगाववादियों ने कहा कि एक विद्रोही नेता को मारने की कोशिश की गई थी. लुहांस्क पीपल्स रिपब्लिक के प्रेस ऑफ़िस ने बताया कि प्रांत के स्वघोषित गवर्नर वालिरी बोलोटोव को गोली मारी गई थी और उनका काफ़ी ख़ून बह गया था लेकिन अब उनकी जान को कोई ख़तरा नहीं है.

यूक्रेन के अलावा यूरोपीय संघ और अमरीका ने इन जनमत संग्रहों को अवैध क़रार दिया है. यूक्रेन के अंतरिम प्रधान मंत्री ने कहा है कि रूस, यूक्रेन को एक विफल देश बनाने की कोशिश कर रहा है.

यूरोप के लिए ख़तरा

यूक्रेन के मुद्दे पर अमरीका-रूस की तकरार बढ़ी

बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में यूक्रेन के अंतरिम प्रधानमंत्री आर्सनी यात्सेनयुक ने रूस के कदम को पूरे यूरोप के लिए एक ख़तरा बताते हुए कहा, "रूस, अंतरराष्ट्रीय क़ानून और सुरक्षा को कमज़ोर कर, बर्लिन की एक नई दीवार बनाने की कोशिश कर रहा है. वे यूक्रेन में राष्ट्रपति चुनाव में बाधा डालने की हरसंभव कोशिश करेंगे. ऐसा लगता है कि रूसी राष्ट्रपति और रूस की सरकार का अंतिम लक्ष्य यूक्रेन को एक विफल देश बनाना है और मैं एक बात स्पष्ट कहना चाहता हूं कि रूस इसमें नाक़ाम होगा."

यूक्रेन में घटनाक्रम तेज़ी से बदल रहा है. दोनेत्स्क प्रांत में यूक्रेन द्वारा नियुक्त गवर्नर के मुताबिक़ इन इलाकों को अधिकार स्थानांतरित करने के लिए सरकार एक राष्ट्रीय जनमत संग्रह करवाने की योजना बना रही है. इस बीच यूक्रेन के दौरे पर पहुंचे जर्मनी के विदेश मंत्री ने सरकार और विद्रोहियों के बीच बातचीत पर ज़ोर दिया.

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