फिलाडेलफिया में जन्मे थे वास्तविक जेम्स बांड
एक अमेरिकी परिवार में जन्मे जेम्स बांड का जन्मस्थान पेंसिल्वेनिया में फिलाडेलफिया था। उन्होंने अपना ग्रेजुएशन इंग्लैंड में किया पर वो अपने शौक के चलते वापस अमेरिका आ गये। यहां कुछ अर्सा उन्होंने एक बैंकिंग फर्म में करीब तीन साल काम किया पर उसके बाद उनका जुनून उन्हें वापस पक्षियों की दुनिया में ले गया।
प्रकृति और पक्षियों से जुड़ाव था जेम्स को
जेम्स पागलपन की हद तक प्रकृति और पक्षियों से जुड़ाव महसूस करते थे और उसी के अध्ययन के लिए वो अपना जॉब छोड़ कर अमेजन की एकेडमी ऑफ नेचर सांइसेज में चले आये। यहां उन्होंने अपने शौक को कुछ संवारा और इसी एकेडमी में पक्षिविज्ञान क्यूरेटर के तौर पर काम करने लगे। उनकी विशेष योग्यता करेबियन पक्षियों के बारे में थी।
अपने काम के लिए पुरस्कार भी जीते
जेम्स को इस क्षेत्र में विशेष योग्यता के चलते कई ईनाम मिले। 1952 में उन्हें जमैका युनिवर्सिटी ने Musgrave Medal से सममानित किया। इसके अलावा American Ornithologists' Union ने 1954 में Brewster Medal दिया और एकेडमी ऑफ नेचुरल साइंसेज ने 1975 में उन्हें Leidy Award से सम्मानित किया।
पक्षियों पर किताबें भी लिखीं
जेम्स बांड कैरबियन पक्षियों के एक्सपर्ट थे। उन्होंने पक्षियों पर कई लेख और किताबें भी लिखीं। उनकी एक बेहत चर्चित पुस्तक है बर्डस ऑफ द वेस्ट इंडीज जिसका पहला संस्करण 1936 में प्रकाशित हुआ था।
उनकी योग्यता और नाम से प्रभवित हुए जेम्स बांड के लेखक इयान फ्लेमिंग
जेम्स के नाम में कुछ ऐसा था जो एक बेहद मस्क्युलिन शख्स की तस्वीर आंखों के सामने ले आता है, ऐसा जासूसी उपन्यासकार इयान फ्लेमिंग का कहना है जिन्होने इसी वजह से अपने फिक्शनल डिटेक्टिव चरित्र का नाम इस पक्षिविज्ञानी के नाम पर रख दिया। जो हकीकत में नॉवेल वाले जासूस जेम्स बांड के बिलुकल विपरीत कतई गैर रूमानी था। और इस तरह एक बर्ड वाचर के नाम से पैदा हुआ रूमानी और हार्ड कोर जासूस दूसरा काल्पनिक जेम्स बांड।
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