कहते हैं कि हौसला और जुनून हो तो कोई काम असंभव नहीं। जिस काम को करने के लिए सरकार ने हाथ पीछ़े खींच लिए उसे छोंजोर ने पांच साल में पूरा कर दिया। छोंजोर ने समुद्र तल से 14,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर पिछले 5 सालों से पहाड़ों को काटकर नई सड़क बना दी है। छोंजोर ने इसके लिए अपने जीवन भर की पूंजी लगा दी।
यह सड़क करीब 26 किलोमीटर लंबी है। दारचा से शिंकुला दर्रा होकर गुजरने वाली इस सड़क को जम्मू कश्मीर के कारगिल जिला के उपमंडल जंसकर के पहले गांव करग्या तक बनाया गया है। पहली बार लामा छोंजोर जीप लेकर करग्या गांव पहुंचे। यहां पहुंचने से लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं है।
छोंजोर ने पांच साल पहले शिंकुला दर्रा से करग्या गांव की ओर सड़क निर्माण का काम शुरू किया था। छोंजोर ने इसके लिए कड़ी मेहनत की है। इस काम के लिए नेशनल एसटी कमीशन लामा छोंजोर को सम्मानित भी कर चुका है।
लामा ने बताया कि जंसकर के लोग वर्षों से पैदल शिंकुला दर्रा पार अपनी रोजमर्रा की चीजों के लिए हिमाचल का रुख करते आ रहे हैं। लेकिन अब पहली बार गांव तक सड़क बन जाने से बॉर्डर के लोगों को राहत मिलेगी।
दारचा-शिंकुला-पदुम सड़क के निर्माण का जिम्मा सीमा सड़क संगठन के दीपक विंग के पास है। बताया जा रहा है कि सड़क निर्माण की रफ्तार बेहद धीमी होने के कारण लामा छोंजोर ने खुद ही सड़क निर्माण का जिम्मा उठाया।
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