कानपुर। पूर्व भारतीय क्रिकेटर लाला अमरनाथ का जन्म 11 सितंबर को पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था। बचपन से ही क्रिकेट के शौकीन रहे अमरनाथ ने भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास में अपनी अलग पहचान बनाई। न सिर्फ बल्लेबाजी बल्कि गेंदबाजी में भी वह कमाल के थे। क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, लाला ने भारत की तरफ से 24 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 24.38 की औसत से 878 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 1 शतक और 4 अर्धशतक निकला। आपको जानकर हैरानी होगी कि लाला अमरनाथ ने अपने पूरे करियर में एक भी छक्का नहीं लगाया था। वहीं गेंदबाजी की बात करें तो इस खिलाड़ी के नाम 45 विकेट दर्ज हैं।
डेब्यू टेस्ट में लगाया था शतक
दाएं हाथ के बल्लेबाज रहे लाला ने अपने करियर का पहला टेस्ट 1933 में खेला था। अमरनाथ उन चुनिंदा भारतीय क्रिकेटरों में शामिल हैं जिन्होंने डेब्यू टेस्ट में शतक ठोंका। उस वक्त इंग्लिश टीम तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने भारत आई थी। सीरीज का पहला टेस्ट मुंबई में खेला गया। सीके नायडू की कप्तानी में भारत ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का निर्णय लिया। हालांकि कप्तान का यह डिसीजन तब गलत साबित हुआ जब पूरी भारतीय टीम पहली पारी में 219 रन पर ऑलआउट हो गई। इसके बावजूद भारत की तरफ से सबसे ज्यादा 38 रन लाला अमरनाथ ने बनाए थे।
118 रनों की खेली पारी
पहली पारी में इतिहास रचने से चूके लाला ने सेकेंड इनिंग में ऐसी बैटिंग की उनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। जहां सभी भारतीय बल्लेबाज पिच पर टिक नहीं पा रहे थे। ऐसे में अमरनाथ ने तीसरे नंबर पर आकर 118 रनों की शतकीय पारी खेली। यह उनके टेस्ट करियर का पहला और आखिरी शतक था। हालांकि भारत यह मैच 9 विकेट से हार गया था। मगर लाला अमरनाथ टेस्ट शतक लगाने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर जरूर बन गए।
He might have scored just one international hundred, but it was the first-ever Test century from an Indian cricketer!
Happy birthday to Lala Amarnath, who led 🇮🇳 to their first Test series win in Pakistan and was also the captain in their first tour to Australia 🙌 pic.twitter.com/9bIJBnNX1I— ICC (@ICC) 11 September 2019
12 साल तक रहे टीम से बाहर
लाला अमरनाथ के नाम एक और रिकॉर्ड दर्ज है। दरअसल वह टेस्ट क्रिकेट में सबसे लंबे अरसे बाद वापसी करने वाले भारतीय क्रिकेटर हैं। क्रिकइन्फो के मुताबिक, अमरनाथ ने 1933-1934 के बीच सिर्फ दो टेस्ट खेले उसके बाद उनकी टीम से छुट्टी हो गई। हालांकि उन्होंने डेब्यू टेस्ट में शतक जड़ा था इसके बावजूद वह टीम से बाहर रहे। फिर 12 साल बाद 1946 में उन्होंने दोबारा वापसी की और फिर छह साल तक लगातार क्रिकेट खेलते रहे।
पाक खिलाड़ियों को खिलाया टीम में
लाला अमरनाथ ने टीम इंडिया में पाक क्रिकेटरों को खेलना का मौका दिया था। साल 1947 में क्रिेकटर आमिर इलाही ने लाला अमरनाथ की कप्तानी में भारत के लिए टेस्ट मैच खेला था। बाद में इलाही पाकिस्तान चले गए और वहां की टीम से खेलने लगे। आमिर इलाही के अलावा अब्दुल हफीज करदार भी पाक क्रिकेटर रहे हैं मगर इन्होंने भी अमरनाथ की कप्तानी में भारत के लिए टेस्ट मैच खेला।
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बेटे मोहिंदर अमरनाथ ने भी कमाया नाम
लाला अमरनाथ का वास्तविक नाम नानिक अमरनाथ भारद्वाज था लेकिन इस नाम से उन्हें कम ही लोग जानते थे। वे स्वतंत्र भारत की क्रिकेट टेस्ट टीम के पहले कप्तान थे। उन्होंने भारतीय क्रिकेट को विश्व में एक सम्मान जनक पहचान दिलाई तो उनके बेटे मोहिंदर अमरनाथ ने टीम इंडिया को पहली बार विश्व विजेता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वे इस सीरीज में मैन ऑफ द टूर्नामेंट घोषित किए गए। मोहिंदर के भाई सुरिंदर अमरनाथ भी क्रिकेटर रहे हैं पर उनको वो शोहरत नहीं मिल सकी जो पिता और भाई के हिस्से में आयी थी।
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