कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Lal Bahadur Shastri Jayanti 2021 लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश में हुआ था। वह एक भारतीय राजनेता थे जो जवाहर लाल नेहरू के बाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने। उन्होंने गुजरात के आनंद की अमूल दुग्ध सहकारी समिति का समर्थन करके और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड बनाकर - दूध के उत्पादन और आपूर्ति को बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान - श्वेत क्रांति को बढ़ावा दिया। भारत के खाद्य उत्पादन को बढ़ावा देने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए, शास्त्री ने 1965 में भारत में हरित क्रांति को भी बढ़ावा दिया। इससे खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि हुई, खासकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में।
लाल बहादुर शास्त्री के कथन
इस साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 152वीं बर्थ एनिवर्सरी के साथ लाल बहादुर शास्त्री की 117वीं जन्मतिथि भी मनाई जा रही है। भारत के इतिहास में गांधी और शास्त्री दोनों का योगदान अमूल्य है। अभी इसे संयोग ही कहा जाएगा कि यह दोनों एक ही तारीख को पैदा हुए, हालांकि वर्ष अलग-अलग था। गांधी जी की तरह शास्त्री के विचारों को भी अपनाया जा सकता है। आइए पढ़ें उनके 10 कथन।
जय जवान, जय किसान
हमारी ताकत और मजबूती के लिए सबसे जरूरी है लोगो में एकता स्थापित करना।
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यदि कोई भी व्यक्ति हमारे देश में अछूत कहा जाता है तो हमें अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा।
लोगो को सच्चा स्वराज या लोकतंत्र कभी भी असत्य और अहिंसा के बल से प्राप्त नही हो सकता है
कानून का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरकरार रहे।
जो शासन करते है उन्हें देखना चाहिए की लोग कैसी प्रतिक्रिया करते है क्युकी लोकतंत्र में जनता ही मुखिया होती है।
यह सबसे महत्वपूर्ण है की हम अपने सबसे बड़े दुश्मन ग़रीबी और बेरोजगारी से लड़े।
देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओ से पहले आती है और यह एकदम पूर्ण निष्ठा है।
स्वतंत्रता का संरक्षण, केवल सैनिकों का कार्य नहीं है। पूरे देश को मजबूत होना होगा।
हम शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास रखते हैं, सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि विश्व के समस्त जनों के लिए।
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