इस तरह हुआ लेबर-डे का जन्म
आइए आपको बताएं कि लेबर-डे का जन्म कहां से हुआ. इसका जन्म उस श्रम यूनियन मूवमेंट के दौरान हुआ, जब पूरे दिन को 8 घंटे के विभाजन में बांटा गया. इसमें 8 घंटे काम के लिए गिने गए. दूसरे आठ घंटे मनोरंजन के लिए रखे गए और बाकी के बचे आठ घंटे आराम के लिए रखे गए. इस लेबर-डे को वार्षिक छुट्टी के रूप में भी मनाते हैं. इस छुट्टी को श्रमिकों की आर्थिक और सामाजिक उपलब्धियों के जश्न के रूप में मनाया जाता है. आमतौर पर इस दिन पर श्रमिकों और उनके यूनियंस को सड़कों पर प्रदर्शन और मार्च निकालते भी देखा जाता है.
80 देशों में घोषित है राष्ट्रीय अवकाश
राज्य और क्षेत्र सरकारों की ओर से लेबर-डे को पब्लिक हॉली-डे के रूप में भी तय किया गया है, इसीलिए यह काफी भिन्न होता है. भारत में लेबर-डे को हर साल 1 मई को मनाया जाता है. यह एक आधिकारिक सार्वजनिक अवकाश है. First May Day को पहली बार भारत में 1 मई, 1923 को मद्रास में मनाया गया. बोलीविया, भारत, चीन, पेरू, मैक्सिको, उरुग्वे, बहरीन, बांग्लादेश, चीन, इजरायल, फिलीपींस, नेपाल और पाकिस्तान समेत कुल 80 देशों में 1 मई को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है.
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अन्य देशों में कब मनाते हैं इसे
अनाधिकारिक रूप से अन्य कई देश भी इस दिवस को मनाते हैं. ऑस्ट्रेलियाई राजधानी क्षेत्र में, न्यू साउथ वेल्स और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में इस दिन को अक्टूबर के पहले सोमवार को मनाया जाता है. वहीं कनाडा में लेबर-डे को सितंबर महीने के पहले सोमवार को मनाया जाता है. आज के लेबर-डे पर गूगल ने दो डूडल निकाले हैं. एक फ्रांस के लिए और दूसरा अन्य देशों के लिए.
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