प्रयागराज (पीटीआई)। कुंभ में छठे और अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर आज संगम में डुबकी लगाने के लिए कल से ही श्रद्धालु प्रयागराज में जुटने लगे थे। कड़ी सुरक्षा के बीच आज तड़के से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम में स्नान करने लगेंगे। सिविल लाइंस स्थित राम नाम बैंक के अध्यक्ष गुंजन वार्ष्णेय ने पीटीआई को बताया कि महाशिवरात्रि कुंभ के समापन और कल्पवासियों के अंतिम पवित्र स्नान का प्रतीक होता है। ऐसे में आज संगम में बीते स्नान पर्वों की अपेक्षा और अधिक भीड़ होगी।
यह शुभ संयोग लंबे समय बाद पड़ रहा
वहीं महाशिवरात्रि के महत्व के बारे में विस्तार से बताते हुए गृह नक्षत्रम के आशुतोष वार्ष्णेय कहते हैं कि इसका सीधा संबंध भगवान शिव से है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव का विवाह हुआ था। इस दिन का स्वर्ग में भी इंतजार किया जाता है। महाशिवरात्रि पर 'शिवलिंग' का रुद्राभिषेक भी किया जाता है। खास बात तो यह है कि इस बार महाशिवरात्रि सोमवार को पड़ रही है। सोमवार को महाशिवरात्रि का पड़ना शुभ होता है और यह शुभ संयोग लंबे समय बाद पड़ रहा है।
कुंभ में कुल छह स्नान तिथियां पड़ी
वहीं दुनिया के बड़े धार्मिक समागमों में शामिल कुंभ मेला इस साल 15 जनवरी से मकर सक्रांति के पहले स्नान से शुरू हुआ था और आज 4 मार्च को महाशिवरात्रि के स्नान पर्व से यह समाप्त होगा। कुंभ में कुल छह स्नान तिथियां थीं। इसमें शाही स्नान मकर संक्रांति (15 जनवरी), मौनी अमावस्या (4 फरवरी) और बसंत पंचमी (10 फरवरी) पर आयोजित हुए थे। इसके अलावा स्नान पर्वों में पौष पूर्णिमा (21 जनवरी) और माघी पूर्णिमा (19 फरवरी) और महाशिवरात्रि (4 मार्च) शामिल हैं।
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