1. कुलदीप यादव-आर अश्विन :
कोलकाता वनडे में जीत के हीरो रहे कुलदीप यादव की हर कोई तारीफ कर रहा। करियर के 9वें वनडे में हैट्रिक लेकर कुलदीप ने अपनी प्रतिभा का सबूत दे दिया। 22 साल के कुलदीप की खासियत है उनकी अनोखी बॉलिंग स्टाईल। यह युवा गेंदबाज 'चाइनामैन' स्टाईल में गेंदबाजी करता है, जिसकी बदौलत उनको काफी विकेट मिलते हैं। ऐसे में अगर कुलदीप अगले कुछ मैचों तक अपने प्रदर्शन को बरकरार रखते हैं तो टीम में उनकी जगह पक्की हो जाएगी। कुलदीप की टीम में आते ही स्पिनर अश्विन का वापसी कर पाना मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि अश्विन तभी सफल होते हैं जब पिच मददगार हो जबकि कुलदीप कलाई से स्पिन कराते हैं और काफी घातक साबित होते हैं।
2. यजुवेंद्र चहल-रवींद्र जडेजा :
आईपीएल में बेहतर प्रदर्शन का ही रिवॉर्ड है कि, यजुवेंद्र चहल को टीम में इंट्री मिली। जब-जब टीम को जरूरत थी, चहल ने विकेट निकाल के दिया। उनकी यही कला भविष्य में उन्हें टीम में जगह पक्की करने का मौका देगी। रवींद्र जडेजा की तरह टीम में चहल को चुना गया था। युवा गेंदबाज ने इसका भरपूर फायदा भी उठाया। वनडे हो या टी-20 चहल ने हमेशा अच्छी गेंदबाजी की है। 2019 वर्ल्डकप को ध्यान में रखते हुए चहल को टीम में चुनने की संभावना काफी ज्यादा है।
3. हार्दिक पांड्या-युवराज सिंह :
2011 वर्ल्डकप के हीरो रहे सिक्सर किंग युवराज सिंह काफी समय से टीम में वापसी को लेकर जूझ रहे हैं। बीच-बीच में उन्हें एक-दो मैचों में मौका मिल जाता है लेकिन बाद में फिर वही फिटनेस व अन्य किसी कारणवश उन्हें बाहर बैठना पड़ता है। इसका फायदा उठाया कूंग-फू पांड्या ने, पांड्या लगातार अपनी परफॉर्मेंस को सुधारते जा रहे हैं। और वह टीम के लिए काफी उपयोगी हो चुके हैं। फिनिशर की भूमिका में भी वह युवी की तरह लंबे-लंबे छक्के लगा रहे हैं। इसके अलावा गेंदबाजी में भी 10 ओवर का पूरा स्पेल फेंक रहे। यानी कि पांड्या की जगह भी लगभग पक्की हो गई।
4. शिखर धवन-गौतम गंभीर :
टीम इंडिया के गब्बर कहे जाने वाले शिखर धवन टीम के परमानेंट मेंबर बन गए हैं। गंभीर के बार-बार फेल हो जाने के बाद टीम को एक बाएं हाथ के ओपनर की तलाश थी, जिसे धवन ने पूरा कर दिया। 2016 से लेकर अब तक धवन का बल्ला खूब गरजा है।
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